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काशीपुर में खेली गई फूलों वाली होली, पिछले सात सालों से चली आ रही है परंपरा - काशीपुर की फूलों वाली होली

फाल्गुन के महीने में रंगों के पर्व होली के अवसर पर जहां सभी जगह रंगों और गुलाल आदि का प्रचलन है. वहीं, उत्तराखंड के काशीपुर में कई सालों से इससे अलग हटकर फूलों की होली का प्रचलन है. रंगो वाली होली से एक दिन पहले काशीपुर में पिछले सात सालों से आज के दिन फूलों की होली की शोभायात्रा निकाली जाती है.

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काशीपुर की फूलों वाली होली

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Published : Mar 9, 2020, 6:29 PM IST

काशीपुर: सड़क पर होली की मस्ती में नाचते गाते शहरवासियों ने कई वर्ष पहले जिस नई परंपरा को जन्म दिया था. उसी को निभाते हुए लोग आज भी फूलों की होली खेलते हुए दिख रहे हैं. हर साल की तरह इस बार भी काशीपुर में राधा कृष्ण कमेटी की तरफ से होली के अवसर पर राधा कृष्ण मंदिर से आठवीं फूलों की शोभायात्रा निकाली गयी. जिसकी शुरुआत गंगे बाबा मन्दिर से हुई. जिसके बाद शोभायात्रा किला बाजार, पुरानी सब्जी मंडी, मुख्य बाजार, नगर निगम रोड, कोतवाली रोड, महाराणा प्रताप चौराहा, जेल रोड और माता मंदिर रोड से होकर नगर के विभिन्न मार्गों तक पहुंची, जिसके बाद शोभायात्रा वापस शाम को गंगे बाबा मन्दिर पर आकर समाप्त हुई.

काशीपुर की फूलों वाली होली

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वहीं, शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण अघोरी नृत्य, ग्वालों का फूलों की होली भरा नृत्य, देश में सर्वधर्म समभाव का परिचय देती भारत के नक्शे की झांकी और नवयुवकों द्वारा हैरतअंगेज करतब तथा महादेव के साथ औघड़ की मसाने की होली रही.

शोभायात्रा में शामिल राधा कृष्ण मंदिर कमेटी के सदस्य दीपक ने बताया कि वह पिछले सात साल से रंगों वाली होली से एक दिन पहले फूलों की होली का आयोजन करते हैं. क्या युवा, क्या बच्चे और क्या महिलाएं सभी इस फूलों की होली में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. इसमें खास बात ये हैं कि इस शोभायात्रा में एक-दूसरे पर फूल डालकर होली का जश्न मनाया जाता है. इस शोभायात्रा में मथुरा और वृंदावन की झलक देखने को मिलती है.

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