काशीपुर/रुद्रपुर:उत्तरप्रदेश केलखीमपुर खीरी में हिंसा को लेकर प्रदेशभर में किसानों में आक्रोश देखा जा रहा है. किसानों की ओर से जगह-जगह बीजेपी की योगी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं, उत्तराखंड में भी इस घटना को लेकर किसानों का विरोध जारी है. काशीपुर में किसान मुरादाबाद रोड स्थित नवीन अनाज मंडी में सैकड़ों की तादाद में एकत्र हुए और वहां से रुद्रपुर स्थित कलेक्ट्रेट का घेराव करने के लिए रवाना हुए. जहां किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया.
लखीमपुर हिंसा के विरोध में किसानों का कलेक्ट्रेट घेराव. भारतीय किसान यूनियन की युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू ने लखीमपुर में हुई हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि किसानों के ऊपर इससे बड़ा हमला नहीं हो सकता है. उन्होंने लखीमपुर खीरी में हुई घटना की तुलना जनरल डायर के द्वारा जलियावांला बाग की घटना से की है. उन्होंने कहा कि इससे सभी को जलियावांला बाग की घटना याद आ गई है. इससे ज्यादा क्रूरता नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि पूरे जिले के किसान कलेक्ट्रेट में धरना देने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं और यह धरना संयुक्त मोर्चे के शीर्ष नेतृत्व की आगामी कॉल तक लगातार जारी रहेगा.
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के काशीपुर के संभावित दौरे के बारे में पूछे जाने पर आक्रोशित भारतीय किसान यूनियन के युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू ने चेतावनी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर काशीपुर में उतारने नहीं दिया जाएगा और हैलीपैड पर ही बैठकर उनका विरोध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जहां हमारे किसान शहीद हुए हैं और यह रैलियां कर रहे हैं. इनका जबरदस्त विरोध किया जाएगा. उन्होंने जिले के साथ साथ स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम वह रद्द करवा दें, वरना किसानों से बुरा कोई नहीं होगा. यहां तक कि हैलीपैड पर किसान ट्रैक्टर घुसा देंगे. किसानों से अब शांति की उम्मीद न करें.
वहीं, आप पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लखीमपुर खीरी में हुई घटना के पीछे सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए डीडी चौक में प्रदर्शन किया. तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बाटा चौक में पुतला दहन कर केंद्र और यूपी सरकार के खिलाफ जमकर नारबाजी की. वहीं किसानों ने कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने और केंद्रीय राज्य मंत्री की इस्तीफा की मांग की. इस दौरान भारी पुलिस फोर्स तैनात रही.