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राइस मिलर्स ने धान खरीदने से किया मना, प्रशासन की बैठक भी बेनतीजा, परेशान किसानों ने दी ये धमकी

Uttarakhand paddy procurement session उत्तराखंड सरकार ने इस बार 8.30 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा है. लेकिन उधमसिंह नगर में किसानों और राइस मिलर्स का झगड़ा ही खत्म नहीं हो रहा है. प्रशासन ने दोनों में सहमति बनाने के लिए बैठक भी की, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला. किसानों ने 5 अक्टूबर तक कच्चे आढ़त की व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. Paddy Purchasing Center

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खटीमा समाचार

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 3, 2023, 11:02 AM IST

खटीमा: राइस मिलरों द्वारा कच्चे आढ़ती के तौर पर किसानों का धान खरीदने से मना करने और सरकारी धान क्रय केंद्र एक अक्टूबर से नहीं खोले जाने से नाराज किसानों और राइस मिलर के बीच सामंजस्य बैठाने के लिए स्थानीय प्रशासन ने मीटिंग कराई. राइस मिलरों ने सरकार द्वारा बकाया धनराशि देने पर ही कच्चे आढ़ती के तौर पर धान खरीद शुरू करने की बात कही.

किसानों और राइस मिलर्स की बैठक हुई

किसानों और राइस मिलर्स की बैठक: जनपद उधमसिंह नगर की खटीमा तहसील सभागार में धान तौल संबंधी समस्याओं के समाधान को लेकर किसानों व राइस मिलर्स की उप जिलाधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट, कृषि मंडी सचिव और वरिष्ठ विपणन अधिकारी के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में किसानों और राइस मिलर्स की समस्याओं पर चर्चा की गयी. किसानों ने जहां सरकारी क्रय केंद्र से पहले कच्चा आढ़त शुरू किए जाने की मांग के साथ ही सरकार द्वारा निर्धारित दर पर तथा समय से धान खरीदने की मांग की. वहीं राइस मिलर्स वालों ने बताया कि जब तक रिजेक्टेड फोर्टीफाइड चावल का भुगतान सरकार द्वारा नहीं किया जाता है, तब तक कच्चा आढ़त नहीं शुरू किया जाएगा.

धान खरीद को लेकर बातचीत: आपको बता दें कि खटीमा क्षेत्र में यूसीएफ, आरएफसी, एफसीआई व सरकारी समितियों के 65 केन्द्रों के अलावा सरकारी आढ़त भी शुरू की जानी है. वहीं प्रशासन ने बताया कि 3 अक्टूबर से सभी क्रय केंद्रों पर धान तौलने की प्रक्रिया सुचारू रूप से शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही राइस मिलर्स और सरकार के बीच वार्ता में समाधान होने के बाद 5 अक्टूबर के बाद कच्ची आढ़त भी प्रारंभ कर दी जाएगी.

किसानों ने दी ये चेतावनी: वहीं किसानों ने कहा कि 3 अक्टूबर से धान तौल शुरू की जानी है, लेकिन क्रय केंद्रों और कच्चा आढ़त की अभी तक व्यवस्था नहीं की गई है. किसानों ने कहा कि सबसे पहले कच्ची आढ़त शुरू की जानी थी, लेकिन अभी तक कच्चे आढ़त की व्यवस्था नहीं की गई है. साथ ही किसानों ने बताया कि उनका भारी शोषण और नुकसान हो रहा है. किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि 5 अक्टूबर के बाद कच्चे आढ़त की व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं की गई तो भारी संख्या में किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
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