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BKEU की उत्तराखंड इकाई का गठन, 'किसानों की लड़ाई मजबूती के साथ लड़ेगा संगठन' - भारतीय किसान एकता यूनियन की उत्तराखंड इकाई

काशीपुर में किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया. किसान सम्मेलन में किसान यूनियन एकता (उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां पहुंचे. जहां उन्होंने एक पांच सदस्यीय एडहॉक कमेटी का गठन किया.

Kisan Sammelan in Kashipur
किसान सम्मेलन

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Published : Jul 31, 2021, 9:45 PM IST

काशीपुर: भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) (Bharatiya Kisan Ekta Union) के केंद्रीय अध्यक्ष एवं संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस दौरान भारतीय किसान एकता यूनियन की उत्तराखंड इकाई का गठन किया गया. काशीपुर के ग्राम बांसखेड़ा में आयोजित किसान सम्मेलन में किसान यूनियन एकता (उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां पहुंचे. जहां उन्होंने एक पांच सदस्यीय एडहॉक कमेटी का गठन किया.

यह कमेटी उत्तराखंड में यूनियन का निर्माण करेगी. जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि हमारी कमेटी का कोई भी सदस्य किसी भी राजनीतिक पार्टी या दल का हिस्सा नहीं बनेगा. किसी भी राजनीतिक पार्टी का हम समर्थन नहीं करते हैं. कमेटी ज्वाइन करने वाले किसानों से उन्होंने कहा कि जो लोग हमारे साथ लंबे समय तक चल सकते हैं, वहीं हमारे साथ जुडें.

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उन्होंने कहा कि कुछ समय बाद ऐसा ना हो कि पंजाब से हमें यह घोषणा करनी पड़े कि उत्तराखंड की इकाई को भंग कर दिया गया है. इससे अच्छा है कि अभी भी आप सोच विचार कर लें. उन्होंने कहा कि आज बल्ली सिंह चीमा द्वारा जो समिति बनाई गई है, वह अस्थायी कमेटी है. जिसकी कार्य प्रणाली के बारे में हम भी जान सकेंगे. वह भी आने वाले समय में हमें जान सकेंगे.

26 जनवरी को लाल किले पर हुए किसानों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष पर उन्होंने कहा कि वह कार्यक्रम न तो संयुक्त मोर्चा का था न ही किसानों के किसी और ऑर्गेनाइजेशन का था. 26 जनवरी और 15 अगस्त के दिन दिल्ली तथा आसपास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात होती है. ऐसे में वह लोग कैसे वहां तक पहुंचे इसके बारे में हम अभी तक नहीं समझ पा रहे हैं.

सरकार ने आंदोलनरत किसानों को खालिस्तानी होने का आरोप लगाया. हमें इतना पता है कि जो किसान सरकार द्वारा पारित काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, वह हमारे साथी हैं. 15 अगस्त के कार्यक्रम के बारे में आगामी बैठक में तय किया जाएगा. हिंदुस्तान में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक ही मुद्दे को लेकर के अनेक ऑर्गेनाइजेशन लड़ाई लड़ रही है.

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