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फर्जी अंकतालिका मामलाः अकल नहीं यहां नकल का होता था खेल, सिर्फ 'प्यादों' से खेल रही पुलिस

एनआईओएस में सामूहिक नकल और फर्जी अंकतालिका मामले में मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से अब तक दूर है. पुलिस ने 18 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है.

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Published : Nov 15, 2019, 10:08 AM IST

फर्जी अंकतालिका

गदरपुरःआधा माह बीत जाने के बावजूद भी फर्जी अंकतालिका मामले के मुख्य आरोपी तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है. 5 नवम्बर को स्टे खारिज कर 14 नंबम्बर को सरेंडर करने के निर्देश के बावजूद आरोपी ने सरेंडर नहीं किया है. अब पुलिस गैर जमानती वारंट की तैयारी कर रही है. दूसरी ओर पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. जिनमें एक पोस्ट आफिस कर्मचारी भी है.

फर्जी अंकतालिका मामले के मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर.

परीक्षाओं में अगर बिना पढ़े पास होना है तो उधम सिंह नगर जिले के देशबंधु इंटर कॉलेज से परीक्षा फॉर्म भर दीजिए. यहां नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) में आपको परीक्षा में गारंटी से पास कर दिया जाएगा. आराम से नकल करके उत्तर पुस्तिका भरने का भी इंतजाम है. इसका खुलासा एक छापेमारी के दौरान हुआ था. इतना ही नहीं बल्कि बड़ी मात्रा में फर्जी अंकतालिका भी बरामद हुई थी.

प्रशासन ने एनआईओएस की परीक्षा में छापेमारी कर धांधली का पर्दाफाश किया था. अभी तक मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. बता दें कि एसडीएम, शिक्षा विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने एनआईओएस की परीक्षा में नकल करते एक दर्जन छात्रों को पकड़ा था.

जिसके बाद पुलिस और जिला प्रशासन को देशबंधु इंटर कॉलेज में एनआईओएस की परीक्षा में धांधली करने की शिकायत मिली थी. संयुक्त टीम ने देहरादून के 4 छात्र समेत 1 दर्जन से अधिक छात्रों को नकल करते पकड़ा था. मिली जानकारी के अनुसार उत्तरपुस्तिका जमा करके अन्य जगह पर छात्रों को नकल करवाई जा रही थी. जिसमें सभी छात्र- छात्राएं देशबंधु इंटर कॉलेज के ही थे.

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वहीं इस पूरे मामले में एक ओर बड़ा खुलासा हुआ था, जिसमें भारी संख्या में फर्जी अंकतालिका सहित अन्य सामान बरामद हुआ. पुलिस ने पूरे मामले में एक युवक को हिरासत में ले लिया था और मुख्य तीन आरोपी फरार थे. आरोपियों की ओर से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया लेकिन निराशा हाथ लगी स्टे खारिज हो गया, लेकिन पुलिस इस प्रकरण में कोई कार्रवाई करती नजर नहीं आ रही है.

वहीं पुलिस मुख्य आरोपियों को नहीं पहुंच पाई है. पुलिस ने अपनी साख बचाने के लिए दो लोगों को अरेस्ट किया है. घटना के समय पुलिस ने 18 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें से एक आरोपी सहित 10 बच्चों को न्यायालय में पेश किया था. जिसमें से नाबालिग बच्चों को उनके परिजनों को सौंप दिया था. पुलिस ने अब एक पोस्ट आफिस कर्मचारी अंकेश शुक्ला और परीक्षा प्रभारी सौरभ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

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