काशीपुर:सरकार को मोटा राजस्व देने में आबकारी विभाग का नाम सबसे पहले आता है, लेकिन काशीपुर में बना आबकारी विभाग का कार्यालय बदहाली के आंसू बहा रहा है. विभाग के अधिकारियों को वाहन और कर्मचारी दोनों की कमी है. यही कारण है कि आबकारी विभाग के अधिकारी अवैध शराब की तस्करी और कच्ची शराब पर पूर्णता रोक लगाने में नाकाम दिखाई दे रहे हैं. अधिकारी लगातार कर्मचारियों और वाहन की मांग कर रहे हैं. इसे लेकर काशीपुर के आबकारी अधिकारी कई बार विभाग को पत्र भी लिख चुके हैं, लेकिन इन्हें हर बार केवल आश्वासन ही मिलता है.
बता दें कि, उत्तराखंड में शराब से सरकार को मोटा राजस्व मिलता है. सरकार को अंग्रेजी और देसी शराब के ठेकों से राजस्व मिलता है, लेकिन आबकारी विभाग द्वारा काशीपुर कार्यालय में एक अधिकारी के साथ एक महिला सिपाही और एक कर्मचारी की तैनाती की गई है. इन्हीं के क्षेत्र में काशीपुर और जसपुर तहसील भी आती है. इतना ही नहीं आबकारी विभाग ने अधिकारियों को सरकारी वाहन भी मुहैया नहीं कराया गया है. ये अधिकारी निजी वाहन से छापेमारी करने को मजबूर हैं.