रुद्रपुर:इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे सेकंड ईयर के छात्र गगन ने पुरानी साइकिल को इलेक्ट्रिक साइकिल के रूप में तैयार किया है. जिसमें करीब 17,000 की लागत आई है. ये साइकिल एक बार चार्ज करने पर 30 से 35 किलोमीटर बिना पैडल के चल सकती है. पंतनगर किसान मेले में यह इलेक्ट्रिक साइकिल लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.
छात्र ने बनाई इलेक्ट्रिक साइकिल. रुद्रपुर के एक निजी कॉलेज में इंजीनियरिंग के छात्र ने पुरानी साइकिल को इलेक्ट्रिक साइकिल के रूप में तैयार किया है. गगन ने पुरानी साइकिल को मॉडिफाई कर इलेक्ट्रिक साइकिल बनाई है. गगन की इलेक्ट्रिक साइकिल पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे चार दिवसीय मेले का आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. वहीं, मेले में इस इलेक्ट्रिक साइकिल का ट्रायल लेने के लिए लोगों की भीड़ जुटी रही.
गगन ने बताया कि बाइक की तरह इस साइकिल में स्पीडोमीटर और एक्सीलरेटर मौजूद और यह चाबी से खुलती है. ऐसे में इस साइकिल सवार को स्पीड का पता भी चल सकता है. इसमें 24 वोल्ट, 250 वाट ब्रेसलेस पीसी मोटर सहित बीएमएस के साथ 24 वोल्ट लीथियम आयन बैटरी का प्रयोग किया गया है. इसका चार्जिंग टाइम तीन घंटे और इसकी अधिकतम स्पीड 25 से 30 किमी प्रति घंटा है. यह साइकिल फुल चार्ज करने के बाद 53 किमी तक चलती है. वहीं, इसकी फुल चार्जिंग में मात्र दो से चार यूनिट बिजली खर्च होती है.
पढ़ें:निर्मल अखाड़े की लाडली 'पवनकली' को वैदिक मंत्रोच्चारों और बैंड बाजों के साथ दी गई भू-समाधि, 70 साल से था गहरा नाता
गगन का कहना है कि एक महीने के प्रयास के बाद उन्होंने इस इलेक्ट्रनिक साइकिल को बनाया है. गगन ने बताया कि इस साइकिल का इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है. वहीं, यह ईको फ्रेंडली है. इससे कॉर्बन फुटप्रिंट में भी कमी आएगी और ईंधन की बचत भी होगी. जो पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से काफी अच्छा है. साथ ही इस साइकिल के इस्तेमाल से सड़कों पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी और यह पॉकेट फ्रेंडली भी होगी. मात्र पांच रुपये से दस रुपये के खर्चे में कोई भी 30 से 35 किलोमीटर का सफर तय कर सकता है.