खटीमा:कोरोना वायरस के चलते इस बार उत्तराखंड सरकार ने एक अप्रैल की जगह पंद्रह अप्रैल से प्रदेश में गेहूं क्रय केंद्र खोलकर खरीद शुरू कर दी है. गेहूं क्रय केंद्र खोलने के साथ ही सरकार ने गेहूं खरीद के बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन खरीद केंद्र खोले जाने के 10 दिन बीतने के बाद भी केंद्रों पर बारदाना उपलब्ध ना होने की वजह से गेहूं खरीद बहुत ही धीमी गति से हो रही है.
खटीमा: गेहूं खरीद के बड़े दावे, क्रय केंद्रों पर बारदाने ही नहीं
गेहूं खरीद केंद्र खोले जाने के 10 दिन बीतने के बाद भी क्रय केंद्रों पर बारदाना उपलब्ध ना होने की वजह से खरीद बहुत ही धीमी गति से हो रही है. कोरोना वायरस की वजह से किसान गेहूं क्रय केंद्र पर अपनी मर्जी से गेहूं लेकर नहीं जा सकते हैं, किसान गेहूं क्रय केंद्र से बुलावा आने पर ही गेहूं लेकर बेचने जा सकते हैं.
कोरोना वायरस की वजह से किसान गेहूं क्रय केंद्र पर अपनी मर्जी से गेहूं लेकर नहीं जा सकते हैं, किसान गेहूं क्रय केंद्र से बुलावा आने पर ही गेहूं लेकर बेचने जा सकते हैं. एक तो इस वजह से देर हो रही है, वहीं दूसरी तरफ गेहूं क्रय केंद्रों पर बारदाना ना होने की वजह से किसान की गेहूं केंद्र पर बेचने की बारी काफी दिनों में आ रही हैं, जिसकी वजह से किसान बिचौलिए और राइस मिलर्स को सस्ते रेट पर गेहूं बेचने को मजबूर हैं.
वहीं राज्य किसान आयोग के उपाध्यक्ष सरदार राजपाल सिंह का कहना है की सभी गेहूं क्रय केंद्रों पर खरीद शुरू हो चुकी है. बारदाने की कमी से जरूर गेहूं खरीद में देरी हो रही है, लेकिन गेहूं क्रय केंद्रों पर पंजीकृत सभी गेहूं किसानों की बारी आने पर फोन कर उन्हें गेहूं क्रय केंद्र पर बुलाकर गेहूं खरीदा जा रहा है.