काशीपुर: पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से जहां एक तरफ किसानों के चेहरे खिल गए हैं, तो वहीं आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए बारिश और कोहरे ने मुसीबत खड़ी कर दी है. इसी के मद्देनजर कृषि वैज्ञानिकों ने खासतौर पर आलू की खेती करने वाले किसानों को चेतावनी जारी करते हुए कोहरे और बारिश के कारण बढ़ी नमी और ठंड की वजह से आलू की फसल में पछेती झुलसा रोग लगने का खतरा बताया है.
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बता दें कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार कोहरा और बारिश होने के चलते तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. इसी के मद्देनजर कृषि वैज्ञानिकों ने खासतौर पर आलू की खेती करने वाले किसानों को चेतावनी जारी करते हुए कोहरे और बारिश के कारण बढ़ी नमी और ठंड की वजह से आलू की फसल में पछेती झुलसा रोग लगने का खतरा बताया है.
बारिश की वजह से वातावरण में नमी बढ़ने से आलू की फसल पर यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है. काशीपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी जितेंद्र क्वात्रा ने आलू किसानों को आगाह करते हुए कहा है कि यह पछेती झुलसा रोग फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर सकता है. इसलिए इसका पहले से बचाव नहीं किया गया तो आलू के उत्पादन में भारी कमी आ सकती है.
वहीं, काशीपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी जितेंद्र क्वात्रा ने बताया कि पछेती झुलसा में पत्तियां किनारों से या पत्ती की नोंंक से झुलसना शुरू होती हैंं, और धीरे-धीरे पूरी पत्ती में फैल जाता है. इस तरह रोग फैलने से पूरा पौधा काला पड़कर झुलस जाता है. कंद नहीं बनते अगर बनते भी हैंं तो बहुत छोटे बनते हैं. साथ ही साथ उनकी उत्पादन क्षमता भी घट जाती है.