हल्द्वानी/कालाढुंगी/काशीपुर/मसूरी/दिनेशपुर: सावन महीने के पहले सोमवार को प्रदेश के विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ी रही. शिवालयों में श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के जयघोष के साथ जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना की. इस दौरान मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. श्रद्धालुओं ने भगवान शिव को गंगाजल, दूध, दही से जलाभिषेक कर बेलपत्र, चावल और पुष्प से पूजा-अर्चना की. वहीं शिव मंदिरों को भव्य तरीके तरीके से सजाया गया.
हल्द्वानीः शिव मंदिर के अलावा अष्टभुजा महालक्ष्मी मंदिर में उमड़ी भीड़
सावन के पहले सोमवार पर कुमाऊं के सबसे बड़े मंदिर अष्टभुजा महालक्ष्मी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. हल्द्वानी के पिपलेश्वर मंदिर, अवंतिका कुंज शक्तिपीठ मंदिर में बम-बम भोले के जयकारे के साथ जलाभिषेक किया गया.
पिपलेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालु जलाभिषेक के साथ महालक्ष्मी की भी पूजा कर परिवार की सुख शांति की कामना की. महालक्ष्मी मंदिर के महामंडलेश्वर सोमेश्वर महाराज का कहना है कि सावन के पहले सोमवार को भगवान शिव को रुद्राभिषेक करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और परिवार में सुख शांति प्राप्त होती है.
कालाढुंगीः ऋषि-मुनियों की तपस्थली मोटेश्वर महादेव मंदिर में उमड़े श्रद्धालु
वन आरक्षित क्षेत्र बरहेनी रेंज के घने जंगलों के बीच बसे मोटेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही. माना जाता है कि यहां पर भगवान भोलेनाथ का विशालकाय रूप विराजमान है. मोटेश्वर महादेव मंदिर को तपोवन भूमि के नाम से भी जाना जाता है. साथ ही इस भूमि को ऋषि-मुनियों की तपस्थली और कर्मभूमि भी मानी जाती है.
इस मंदिर में शिवलिंग में कई आकृतियां उभरी हुई है. जहां पर शिवलिंग काफी बड़ा है. श्रद्धालुओं का कहना है कि ये मंदिर काफी प्राचीन है. यहां भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. विशालकाय शिवलिंग के रूप मे विराजमान भगवान शिव का बड़ा स्वरूप अभी तक उन्होंने कभी नहीं देखा है.