रुद्रपुर:बेरोजगार संगठन के बाद अब कांग्रेस पार्टी भी बीते दिन हुई कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा को लेकर सवाल कर रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि पेपर के चार सेट एक जैसा होना कहीं ना कहीं कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने को लेकर बनाया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार पूरे प्रकरण में मिली हुई है. उन्होंने कहा कि अगर नकल विरोधी कानून स्वागत योग्य होता, तो मुख्यमंत्री को भाजपा युवा मोर्चा द्वारा स्वागत नहीं कराना पड़ता.
Deputy Leader of Opposition भुवन कापड़ी ने कनिष्ठ सहायक परीक्षा को लेकर सरकार पर साधा निशाना, कही ये बात
उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा को लेकर धामी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं. भुवन कापड़ी ने कहा कि सरकार ने पेपर बेचने का नया तरीका निकाल लिया है.
कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. खटीमा विधायक और उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने प्रेस वार्ता कर कहा कि रविवार को हुए कनिष्ठ सहायक भर्ती में बनाए गए चार पेपर सेट एक जैसे ही बने हैं. A से लेकर D तक चारों सेट में 1 से लेकर 100 नंबर तक के प्रश्न सभी सेट में एक जैसे हैं. जबकि पूरे हिंदुस्तान में एक जैसे पेपर सेट बना कर एक भी परीक्षा नहीं हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पेपर बेचने का नया तरीका निकाला है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के बेरोजगार युवा सहित विपक्षी दल पहले मामले की जांच और फिर परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार मानने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि कनिष्ठ सहायक परीक्षा की भर्ती पेपर के चारों सेट एक जैसे बने हुए हैं.
पढ़ें-देहरादून नगर निगम का सरकारी कार्यालयों पर 97 करोड़ बकाया, SSP ऑफिस सबसे बड़ा बकाएदार
यानी पेपर का पहले ही सौदा हो चुका है. उन्होंने कहा कि सरकार उत्तराखंड के युवाओं के भविष्य को लेकर गंभीर नहीं है. भुवन कापड़ी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार परीक्षा घोटाले में संलिप्त है. उन्होंने मांग की कि सिटिंग जज की देख रेख में पूरे भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पहले आयोग को दुरुस्त कर लिया जाए और फिर परीक्षा कराई जाए. नकल विरोधी कानून बनने के बाद उसका दुरुपयोग करते हुए बेरोजगारों की आवाज दबाते हुए उन पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. अगर नकल विरोधी कानून इतना स्वागत योग्य होता तो प्रदेश के युवा बेरोजगार इसका स्वागत कर रहे होते. ना कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के लोगों से स्वागत कराया जा रहा होता.