अनंत चतुर्दशी पर शोभायात्राओं की रही बहार काशीपुर: अनंत चतुर्दशी का पर्व देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. उत्तराखंड के काशीपुर में इस अवसर पर दो शोभायात्राओं का आयोजन किया गया. काशीपुर में अनंत चतुर्दशी के मौके पर मां चामुंडा की शोभायात्रा और रामलीला ध्वज शोभायात्रा का आयोजन किया गया. इस मौके पर दोनों ही शोभायात्राएं गाजे बाजे और डीजे के साथ निकाली गईं.
शोभायात्राओं ने मन मोहा: आपको बताते चलें कि गत अनेक वर्षों से अनंत चतुर्दशी के दिन काशीपुर में निकाली जाने वाली शोभायात्राओं का आयोजन एक बार फिर धूमधाम के साथ किया गया. इस मौके पर मां चामुंडा देवी की शहर में शोभायात्रा निकाली गई. मोहल्ला लाहौरियान स्थित श्री गीता भवन में हवन होने के बाद यहां से चामुंडा देवी की ढोल नगाड़ों के साथ शोभायात्रा निकाली गई. इसमें मां चामुंडा देवी की अखंड ज्योति का डोला था. शोभायात्रा में मां के भक्त झूमते गाते चल रहे थे. यह शोभायात्रा पिछले 65 वर्षों से अनंत चतुदर्शी के दिन निकाली जाती रही है. पहले इसे बैंगन वाले बाबा ये यात्रा निकाला करते थे. उनके देहसवान के बाद भक्तों ने इस शोभायात्रा को वृहद रूप दे दिया. जैसे-जैसे शोभायात्रा आगे बढ़ती गई, श्रद्धालु शोभायात्रा से जुड़ते गए. इन शोभायात्रा का जगह जगह श्रद्धालुओं ने फूल मालाओं से स्वागत किया. चामुंडा देवी की शोभायत्रा चामुंडा मंदिर में पहुंचकर वापस अपने गंतव्य को आकर समाप्त हुई.
झांकियां रहीं आकर्षण का केंद्र: इसी के साथ साथ श्री रामलीला मैदान से पायते वाली रामलीला की ध्वज शोभायात्रा का भी आयोजन किया गया. इसमें भगवान गणेश, मां सरस्वती की झांकी के अलावा राधा कृष्ण के नृत्य की झांकी, भगवान शंकर और मां पार्वती की झांकी के अलावा बैंड बाजे के साथ राम दरबार आकर्षण का केंद्र रहे. दोनों शोभायात्रा देर रात में समाप्त हुईं. श्रद्धालुओं के मुताबिक़ बदलते मौसम में स्वास्थ्य की दृष्टि से मां को प्रसन्न करने के लिए शोभायात्रा निकाली जाती है.
11 अक्टूबर से शुरू होगी काशीपुर की रामलीला: श्री रामलीला कमेटी के संयुक्त सचिव मनोज अग्रवाल के मुताबिक चूंकि किसी भी तरह का शुभ कार्य पितृ पक्ष के श्राद्ध के दौरान नहीं किया जाता है और रामलीला का मंचन मध्य श्राद्धों में किया जाता है. इसीलिए अनंत चतुर्दशी के दिन झंडा शोभायात्रा के साथ एक तरह से इसका आगाज़ करवा दिया जाता है. जिसके बाद मध्य श्राद्ध में रामलीला की शुरुआत हो जाएगी. आज से 150 से भी वर्ष से भी पुरानी रामलीला का झंडा रामनगर रोड स्थित पायते वाली रामलीला में लग गया है और आगामी 11 अक्टूबर से रामलीला का मंचन शुरू हो जायेगा. उन्होंने बताया कि पहले दिन स्थानीय कलाकार रामलीला का मंचन करेंगे. उसके बाद अगले दिन 12 अक्टूबर से वृंदावन के रामस्वरूप शर्मा के पुत्र रामबल्लभ शर्मा की टीम के द्वारा रामलीला का मंचन किया जाएगा. 24 अक्टूबर को दशहरे के पर्व पर रावण और मेघनाथ के 55 फीट ऊंचे पुतलों का दहन किया जाएगा. 25 अक्टूबर को भरत मिलाप और फूलों की होली तथा लट्ठमार होली खेली जाएगी. 26 अक्टूबर को भगवान श्री राम की राजगद्दी के साथ ही रामलीला का समापन हो जाएगा.
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