उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

पथरी का गलत ऑपरेशन करके ली थी महिला की जान, रुद्रपुर के फर्जी डॉक्टर को 7 साल की जेल

Jail to doctor who performed wrong operation in Rudrapur ऊधमसिंह नगर के एक फर्जी डॉक्टर को 7 साल की जेल हुई है. इस डॉक्टर ने महिला का पथरी का गलत ऑपरेशन कर दिया था. इस फर्जी डॉक्टर के इलाज से महिला की मौत हो गई थी. कोर्ट ने फर्जी डॉक्टर पर जुर्माना भी लगाया है.

wrong operation in Rudrapur
रुद्रपुर समाचार

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 24, 2023, 7:33 AM IST

रुद्रपुर: जिला एवं सत्र न्यायालय ने गलत ऑपरेशन कर महिला के मौत के मामले में फर्जी डॉक्टर को सात वर्ष का कठोर कारावास और एक लाख दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. इस दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा द्वारा कोर्ट के समक्ष 11 गवाह पेश किए गए. सारे गवाहों को सुनने के बाद कोर्ट ने फर्जी डॉक्टर को सजा सुनाई

फर्जी डॉक्टर को 7 साल की सजा: जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि शिमला बहादुर ट्रॉजिट कैंप निवासी ओम प्रकाश ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह मूल रूप से बैरिया पश्चिम टीला थाना बैरिया जिला बलिया (यूपी) के रहने वाले हैं. उनकी पत्नी आशा वर्कर है. इस वजह से वह अपनी माता लक्ष्मी देवी को पित्ताशय की पथरी का इलाज कराने रुद्रपुर ले आया.

ये था मामला: 30 मार्च 2017 की दोपहर वह इलाज के लिए अपनी माता को रुद्रा होटल के पास शिवानी सर्जिकल हॉस्पिटल में दिखाने गये तो वहां पर मौजूद डॉक्टर भानुप्रताप ने रिपोर्ट देखकर कहा कि पथरी बहुत बड़ी है. आज ही ऑपरेशन करना होगा. मैंने कहा कि अभी मेरी पत्नी को बच्चे को पोलियो ड्रॉप पिलाने जाना है. हम शनिवार को ऑपरेशन करा पाएंगे. डॉक्टर ने कहा कि तुरंत कराओ, इसमें कोई समस्या नहीं है. उन्होंने मेरी माता को तुरंत स्ट्रेचर पर लिटाकर बोतल चढ़ा दी. मेरी पत्नी व छोटे भाई प्रेम प्रकाश से कुछ कागजात पर हस्ताक्षर करवा लिए.

पथरी के ऑपरेशन के बहाने ले ली जान:इसके बाद वो माता को ऑपरेशन के लिए अंदर ले गए. कुछ देर बाद आकर कहा कि खून का इंतजाम करो. इस दौरान हमें मां से मिलने नहीं दिया गया. हमने कहा कि हम खून की व्यवस्था करते हैं. डॉक्टर भानुप्रताप ने कहा कि सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में फ्री में खून मिल जायेगा. हमने तुम्हारी मां को हल्द्वानी रेफर कर दिया है. जिसके बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें एंबुलेंस में रख दिया.

महिला का कर दिया गलत ऑपरेशन:जब वह मां को एम्बुलेंस में हल्द्वानी ले जा रहे थे, तो मैंने और पत्नी ने उनका हाथ छूकर देखा तो हाथ-पैर ठंडे पड़ चुके थे. जिसके बाद हम जिला अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने मां को मृत घोषित कर दिया. इस दौरान कई लोगों ने बताया कि भानु प्रताप फर्जी डॉक्टर है. वह लोगों को इसी तरह फंसाता है. गलत ऑपरेशन से उसकी मां की मौत हुई है. जिसके बाद उसके द्वारा पुलिस को तहरीर सौंपी. आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

11 लोगों ने दी गवाही: पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी. पुलिस ने कोर्ट में मामले की चार्जशीट जमा की. तब से लेकर मामला तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देउपा की कोर्ट चल रहा है. इस दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने कोर्ट के समक्ष 11 गवाह पेश किए. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देउपा द्वारा धारा 304(ll) में सात वर्ष का कठोर कारावास और एक लाख का जुर्माना जबकि धारा 420 में तीन वर्ष का कठोर कारावास और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई है. साथ ही जुर्माने की राशि में से लक्ष्मी देवी के परिजनों को पचास हजार रुपए प्रतिकर अदा करने के आदेश दिए हैं.
ये भी पढ़ें: AIIMS Rishikesh में पकड़ा गया फर्जी डॉक्टर, मोबाइल में मिले लाखों के लेनदेन के रिकॉर्ड, पुलिस कर रही जांच

ABOUT THE AUTHOR

...view details