रुद्रपुर: पिता की हत्या का बदला लेने के लिए युवक का खून करने वाले व्यक्ति को कोर्ट ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर 31 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. ये फैसला जिला तृतीय अपर जिला सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला की कोर्ट ने सुनाया.
इस पूरे केस में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने कोर्ट में आठ गवाह पेश किए थे. उन्होंने बताया कि तीन फरवरी 2020 की सुबह करीब 8.25 बजे किच्छा वॉर्ड 16 निवासी सूरज राठौर खून से सना चाकू लेकर किच्छा कोतवाली पहुंचा और पुलिस को बताया कि उसने पड़ोस में रहने वाले विकास की हत्या कर दी है.
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पुलिस ने चाकू को अपने कब्जे में लिया और सूरज को घटनास्थल पर लेकर पहुंची. मौके पर पहुंचकर पुलिस ने देखा कि विकास खून से लथपथ पड़ा हुआ था. पुलिस आनन-फानन में विकास को लेकर हॉस्पिटल गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. एसआई बबिता गोस्वामी ने सूरज के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया और उसे कोर्ट में पेश किया.
इसके बाद सूरज के मजिस्ट्रेट बयान दर्ज कराए गए, जिसमे सूरज ने विकास की हत्या करने की बात काबूल की. सूरज ने बताया कि विकास ने उसके पिता केदार राठौर की हत्या की थी, जिसका बदला लेने के लिए उसने विकास की हत्या की है. तब से लेकर मामला कोर्ट में चल रहा था.
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कोर्ट के समक्ष एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने 8 गवाह पेश किए गए, जिसके बाद न्यायाधीश रजनी शुक्ला ने सूरज को हत्यारा घोषित करते हुए धारा 302 भादवि के तहत आजीवन कारावास और 30 हज़ार रुपये जुर्माने व धारा 4/25 शस्त्र अधिनियम के तहत 3 वर्ष के साधारण कारावास और 1 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई.