उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

कोरोना वॉरियर्स: बच्चों को छोड़ ये परिवार निभा रहे हैं देश के लिए फर्ज

कई ऐसे कोरोना वॉरियर्स हैं जो इस मुश्किल घड़ी में अपने परिवार के साथ न होकर देश के लिए अपना फर्ज निभा रहे हैं. उनके छोटे-छोटे बच्चे घरों में अकेले हैं. वे लोगों के बचाने के लिए कोविड-19 ड्यूटी में लगे हुए हैं.

रुद्रपुर
रुद्रपुर

By

Published : May 12, 2020, 10:29 AM IST

Updated : May 12, 2020, 12:55 PM IST

रुद्रपुर: आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है. कई कर्म योद्धा ऐसे हैं जो इस मुश्किल घड़ी में सरकार का साथ दे रहे हैं और अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं. ऐसे ही दो परिवार हैं ऊधम सिंह नगर जिले के जो बीते दो माह से कोविड-19 के खिलाफ मैदान में उतरकर जंग लड़ रहे हैं.

कोरोना से जंग में मुस्तैदी से जुटे ये परिवार.

आज हम ऐसे ही दो परिवारों से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं, जो अपने परिवार संग कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं. किच्छा सामुदायिक अस्पताल में दो ऐसी महिला डॉक्टर तैनात हैं जो अपने पति संग इस महामारी के खिलाफ पिछले दो माह से लड़ रही हैं.

किच्छा अस्पताल में तैनात डॉक्टर रश्मि सेमवाल पिछले दो माह से अपने डेढ़ साल के बेटे को छोड़ कर कोविड-19 की ड्यूटी में तैनात हैं. उनके पति डॉक्टर कविंद्र भी डीडीहाट में कोविड ड्यूटी में तैनात हैं. ऐसे में डॉक्टर रश्मि के कंधों पर दोहरी जिम्मेदारी आ गयी है. घर में उनके बेटे की देख भाल उनके पिता कर रहे हैं.

पढ़ें-लॉकडाउन तोड़ने में ऊधम सिंह नगर जिला अव्वल, कुमाऊं मंडल में 9,005 हुए गिरफ्तार

डॉक्टर रश्मि ने ईटीवी भारत से अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि परेशानियां तो होती हैं लेकिन डॉक्टर का फर्ज इन परेशानियों का डटकर मुकाबला करना है. उनके पिता भी वैटनरी अस्पताल में तैनात हैं और माता लॉकडाउन होने के चलते नोएडा में फंसी हुई हैं. ऐसे में घर और अस्पताल दोनों ही जगह उनकी जिम्मेदारी कई गुना बढ़ गयी है.

ऐसी ही एक और डॉक्टर हैं शिखा, जो किच्छा अस्पताल में ही तैनात हैं. शिखा अपने 10 साल के बेटे को घर में अकेला छोड़कर कोविड-19 ड्यूटी में लगी हुई हैं. शिखा के पति शिमला के मेडिकल कॉलेज में कोविड 19 की ड्यूटी में तैनात हैं. पिछले दो माह से उनके कंधों पर दोहरी जिम्मेदारी आ गई है.

डॉक्टर शिखा ने बताया कि वह सुबह से शाम तक अस्पताल में लोगों की स्कैनिंग करती हैं. उसके बाद कुछ वक्त अपने बेटे के साथ व्यतीत करती हैं.

डॉक्टर रश्मि और शिखा की तरह देश की हजारों मां इस वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ रही हैं, जो अपने फर्ज के आगे अपने परिवार की भी अनदेखी कर रही हैं. ईटीवी भारत ऐसे योद्धाओं को सलाम करता है जो इस वैश्विक महामारी में लोगों की जान बचाने को डटे हुए हैं.

Last Updated : May 12, 2020, 12:55 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details