काशीपुर: दिल्ली में किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए काशीपुर के किसान बाजपुर से होते हुए दिल्ली के लिए रवाना हुए, जिन्हें पुलिस ने रोकने का प्रयास किया. इस दौरान पुलिसकर्मियों और किसानों में तीखी नोकझोंक हुई. इसके साथ ही आक्रोशित किसानों ने पुलिसकर्मियों पर ट्रैक्टर चढ़ाने का भी प्रयास किया. किसानों के आंदोलन को देखते हुए पुलिसकर्मी किसानों के ट्रैक्टर के आगे खड़े हो गए हैं.
दिल्ली के लिए कूच कर रहे किसानों और पुलिस के बीच काशीपुर के आईजीएल मोड और परमानंदपुर में तीखी नोकझोंक हुई. पुलिस ने किसानों को रोकने में पूरी ताकत झोंक दी. ट्रैक्टर आगे बढ़ा रहे किसानों को रोकने के लिए एसओ आईटीआई विद्यादत्त जोशी ट्रैक्टर के सामने बैठ गए. ट्रैक्टर आगे बढ़ाने की जिद पर अड़े किसानों ने कई बार ट्रैक्टर पुलिसकर्मियों के ऊपर चढ़ाने की कोशिश की. घंटों की मशक्कत के बाद भी पुलिस किसानों को रोकने में नाकाम रही और किसान पुलिसकर्मियों को धता बताते हुए बाजपुर की तरफ कूच कर गए.
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दरअसल, भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में काशीपुर और आसपास के किसानों ने आज दिल्ली जाने का ऐलान किया गया था, जिसके लिए काशीपुर और आसपास के क्षेत्र के किसानों को बाजपुर चौराहे पर एकत्र होना था. बाजपुर चौराहे पर किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग खड़ी कर दी, जिसके बाद पुलिस और किसानों में जमकर नोकझोंक हुई.
ट्रैक्टर ट्राली के साथ आगे बढ़ रहे किसानों को पुलिस द्वारा रोका गया. वहीं, काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार किसान नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ गए. इसके बाद पुलिस ने किसानों को परमानंदपुर मोड़ पर बैरिकेडिंग लगाकर रोका. यहां तक कि किसानों के काफिले को रोकने के लिए आईटीआई थाना प्रभारी विद्यादत्त जोशी ट्रैक्टर के आगे बैठ गए, लेकिन भारी पुलिस फोर्स के होने के बावजूद भी किसान आखिरकार बाजपुर चौराहे के लिए कूच कर गए.
संपर्क मार्गों के दिल्ली रवाना हुए किसान
कृषि कानून के विरोध को लेकर जिला मुख्यालय रुद्रपुर से भी सैकड़ों किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए. इस दौरान किसानों के दिल्ली कूच कार्यक्रम को देखते हुए बॉर्डर पर तैनात पुलिस की रणनीति धरी की धरी रह गयी. रातभर कोतवाल सहित अन्य अधिकारी बॉर्डर पर तैनात होने के बाद भी किसान आज सुबह ही सम्पर्क मार्गों से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं.
बता दें, कांग्रेस नेता तिलक राज बहेड़ भी अपने समर्थकों के साथ 40 वाहनों को लेकर दिल्ली बॉर्डर के लिए रवाना हुए. रुद्रपुर-रामपुर बॉडर में भी भारी फोर्स तैनात रही. किसानों के कूच कार्यक्रम को देखते हुए बॉर्डर पर दो सीओ, तीन इंस्पेक्टर, 10 दरोगा ओर 70 जवान सहित एक कम्पनी पीएसी (महिला-पुरुष) तैनात की गई थी.
सरकार कर रही किसानों के मौलिक अधिकारों का हनन- गुरदयाल सिंह, भाकियू अध्यक्ष
दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों के समर्थन में खटीमा, नानकमत्ता और सितारगंज से दिल्ली जा रहे किसानों को पुलिस ने सिंचाईखेड़ा में यूपी बॉर्डर पर रोका. नाराज किसान मौके पर ही सड़क पर धरने पर बैठे. इस दौरान किसानों ने सरकार पर किसानों के उत्पीड़न का आरोप लगाया. किसानों को पुलिस द्वारा रोके जाने पर आक्रोशित किसानों द्वारा पुलिस से झड़प भी की गई. वही नाराज किसान सड़कों पर ही धरने पर बैठ गए. नाराज किसानों का कहना है एक तो सरकार किसान विरोधी कानून बनाती है, ऊपर से उन्हें बिल के खिलाफ धरना करने के लिए जाने से भी रोका जा रहा है. सरकार उनके मौलिक अधिकारों का भी हनन कर रही है.
किसानों और पुलिस के बीच झड़प, पुलिसकर्मी घायल
दिल्ली कूच कर रहे किसानों को सितारगंज नेशनल हाइवे-74 न्यू बाईपास पर बैरिकेडिंग लगाकर रोकने का प्रयास किया गया, जिसमें कुछ उपद्रवी किसानों ने पुलिस-प्रशासन के सामने ही बैरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली कूच कर गए. किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़प में सितारगंज कोतवाली में तैनात एसएसआई के पैर में चोट भी आई है. वहीं, कुछ किसान जिन्हें पुलिस ने दोबारा रोक लिया. वो सभी मौके पर ही धरने पर बैठ गए. इसी दौरान पुलिस-प्रशासन और कुछ किसानों के बीच फिर से तीखी नोकझोंक हुई.