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टिकट में धांधली कर रेलवे को लंबे वक्त से चुना लगा रहा था क्लर्क, RPF की टीम ने किया गिरफ्तार - Accused Pradeep Kumar Srivastava

आरपीएफ की क्राइम ब्रांच टीम ने काशीपुर रेलवे स्टेशन पर तैनात वाणिज्य लिपिक को टिकटों के फर्जीवाड़े में रंगे हाथ पकड़ा है. आरोपी के पास से अनारक्षित टिकट भी बरामद हुआ है.

रेलवे के राजस्व को चूना लगा रहा था वाणिज्यिक लिपिक, क्राइम ब्रांच ने रंगे हाथों दबोचा.

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Published : Aug 13, 2019, 2:02 PM IST

काशीपुर: इज्जतनगर रेलवे मंडल की आरपीएफ टीम ने काशीपुर रेलवे स्टेशन पर तैनात वाणिज्य लिपिक को टिकटों की कालाबाजारी करते हुए रंगे हाथों दबोच लिया. आरोपी लिपिक के पास से आरपीएफ टीम ने नॉन इशु टिकट, एनआई पंजीका, टिकट रोल हस्तांतरण पंजिका, धन उद्घोषणा पंजिका भी बरामद की है. जिसके बाद आरोपी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया गया.

जानकारी के मुताबिक अभियुक्त अपनी ड्यूटी के दौरान एक 10 रुपये के अनारक्षित टिकट को सिस्टम में फीड करने के दौरान प्रिंटर को बंद करके ब्लैंक टिकट निकाल लेता था. जिसके बाद अगले नंबर पर लंबी दूरी की कोई भी कमांड देकर उसी टिकट पर लंबी दूरी का विवरण प्रिंट कर लेता था. हालांकि इस प्रक्रिया में स्लैश नंबर टिकट नंबर से अलग होने के कारण टिकट मिसमैच हो जाता था. बावजूद इसके अभियुक्त आने वाले यात्रियों को टिकट बेचकर लंबी दूरी वाले टिकट को अगले नंबर पर एन. आई. यानि (नॉन-इश्यूड) कर देता था.

धांधली करने वाला क्लर्क गिरफ्तार.

जिसके चलते लंबी दूरी का किराया सिस्टम में वापस आ जाता था. इस प्रक्रिया को करके अभियुक्त फर्जी टिकट बेचकर उसका मूल्य अपने पास रख लेता और सिस्टम में दाखिल किए 10 रुपये रेलवे के खाते में जमा करा देता था. जिसके बाद रेलवे के टिकट की N. I. प्रक्रिया भी सही तरीके से पूर्ण हो जाती थी. ऐसे में इस कालाबाजारी को पकड़ना मुश्किल था. साथ ही रेल कर्मचारी होने के कारण आरोपी पर शक भी नहीं हुआ. जिसके चलते अभियुक्त अपनी प्रत्येक ड्यूटी में इस तरह का एक फर्जी टिकट तैयार कर बेचता था.

बता दें कि ड्यूटी पर जाने से पहले आरोपी लिपिक ने निजी धन उद्घोषणा पंजिका में 400 रुपये होने की हस्तलेख उद्घोषणा की थी. जबकि गिरफ्तारी के बाद अभियुक्त की तलाशी के दौरान उसके पास से 1240 रुपये बरामद हुए.

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वहीं इस कार्रवाई के दौरान आरोपी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव के पास से वाणिज्य अधीक्षक ने एन. आई. पंजिका, टिकट रोल, हस्तांतरण पंजिका, धन उद्घोषणा पंजिका के साथ-साथ एनआई किए गए मूल टिकटों को भी बरामद किया. जिसके बाद रिकॉर्ड अवलोकन से स्पष्ट हुआ कि अभियुक्त लंबे समय से रेलवे राजस्व को भारी हानि पहुंचा रहा था.

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