रुद्रपुर: उधमसिंह नगर जिला प्रशासन का असंवेदनशील चेहरा सामने आया है. बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर श्रमिकों के बच्चे बारिश में भीगते रहे, लेकिन उधमसिंह नगर जिलाधिकारी युगल किशोर पंत को उन पर दया नहीं आया है. श्रमिकों के बच्चे सिर्फ एक बार जिलाधिकारी युगल किशोर पंत से मिलकर उन्हें अपनी पीड़ा सुनाना चाहते थे. लेकिन जिलाधिकारी युगल किशोर पंत ने अपने कार्यालय में होने के बाद भी बच्चों और श्रमिकों के मिलने की जहमत तक नहीं उठाई.
दरअसल, पंतनगर सिडकुल में स्थित इंटार्क फैक्ट्री को कंपनी प्रबंधन में बीते साल गैर कानूनी तरीके से बंद कर कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. तभी से अपनी मांगों को लेकर इंटार्क फैक्ट्री के कर्मचारी धरना दे रहे हैं. इंटार्क फैक्ट्री के कर्मचारी करीब पिछले 319 दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन कोई भी उनका मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा है.
घंटों बारिश में भीगते रहे मासूम. पढ़ें- CM धामी ने लिया उदयपुर हत्याकांड का संज्ञान, गृह व पुलिस विभाग को अलर्ट रहने के दिये निर्देश बुधवार को इंटार्क फैक्ट्री की वजह से बेरोजगार हुए श्रमिक अपने परिवार के साथ ऊधमसिंह नगर जिला कार्यालय पहुंचे और डीएम युगल किशोर पंत से मिलकर ज्ञापन देने की कोशिश की. उन्हें उम्मीद थी कि डीएम युगल किशोर पंत उनकी समस्या सुनेंगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर ही रोक लिया.
इस दौरान तेज बारिश में इंटार्क फैक्ट्री के श्रमिक बच्चों के साथ भीगते रहे, लेकिन जिलाधिकारी ने उनसे मिलने की जहमत नहीं उठाई. हालांकि कुछ देर बार एसडीएम किच्छा मौके पर पहुंचे और बच्चों से ज्ञापन लिया. बच्चे करीब एक घंटे तक इसी आशा में गेट पर खड़े रहे कि जिलाधिकारी युगल किशोर पंत को एक बार तो उन पर दया आएगी और वो उनकी परेशानी सुनेगे. लेकिन डीएम अपने दफ्तर से बाहर आने को तैयार ही नहीं थे.