रुद्रपुर: नन्हे-मुन्ने बच्चों के खिलौने उद्योग के लिए एक बड़ा बाजार है. इसका दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. कोई वेस्ट मैटेरियल तो कोई गत्ते से खिलौने बना रहा है. ऐसा ही हुनर किच्छा तहसील में 9वीं के छात्र के पास दिखा है. 9वीं में पढ़ने वाले 16 साल के चंदन कागज के गत्ते और टेप के सहारे चंद घंटे में खिलौने तैयार कर लेते हैं. चंदन के बनाए गए खिलौने देखने में हूबहू बाजार जैसे लगते हैं.
चंदन का हुनर देख लोग भी हैरान हैं. 16 साल के चंदन अब तक कागज के गत्ते से कार, क्रेन, ट्रक, रोबोट, ट्रैक्टर, जेसीबी और बस सहित कई खिलौने बना चुके हैं. ये खिलौने रंग-बिरंगी अभिव्यक्तियों का एक अनूठा रूप हैं और स्थानीय लोगों का कहना है कि चंदन 8 साल की उम्र से ही गत्तों से खिलौने तैयार कर रहे हैं. चंदन अपने तैयार खिलौने को 50 से 100 रुपए में बाजार में बेचकर अच्छी आमदनी भी कमा रहे हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत में चंदन कहते हैं कि पहले वह खिलौने का ड्रॉइंग बनाते हैं और फिर गत्ते पर उसे मूर्तरूप देते हैं. चंदन भविष्य में इंजीनियर बनना चाहते हैं और अपनी सोच को बखूबी अंजाम दे रहे हैं.