काशीपुर: लॉकडाउन में दूरसंचार ही एक ऐसा माध्यम है जिसने सबको को एक-दूसरे से जोड़ा हुआ है. लॉकडाउन में अधिकांश कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम के कल्चर को अपनाया है. इसके अलावा छात्र-छात्रों की ऑनलाइन क्लासेस भी इंटरनेट के जरिए ही चल पाईं. ये मोबाइलों का नेटवर्क ही था जिसने एक कड़ी को दूसरी कड़ी से जोड़े रखा. यही कारण है कि मंदी से उबरने की कोशिश में जुटे बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) के लिए लॉकडाउन संजीवनी साबित हुआ है.
जी हां आपको जानकर हैरानी होगी कि लॉकडाउन से पहले तक जिस बीएसएनएल का कनेक्शन लेने के लिए कोई तैयार नहीं होता था, लॉकडाउन के बाद उसी बीएसएनएल ब्रॉडबैंड के लिए 70 नए कनेक्शन के फॉर्म रोज भरे जा रहे हैं.
ब्रॉडबैंड के ग्राहकों में हुई बढ़ोत्तरी पढ़ें-अहमदाबाद से 'घर वापसी' पर प्रवासी हुए खुश, बोले- थैंक्यू मुख्यमंत्री जी
काशीपुर में बीएसएनएल के एसडीओ सर्वेश चौहान के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान 300 नए कनेक्शन दिए गए हैं. लॉकडाउन से पहले प्रति माह 10 से 15 नए कनेक्शन का लक्ष्य होता था. आज लक्ष्य से कहीं ज्यादा प्रति माह 200 कनेक्शन तक दिए जा रहे हैं.
एसडीओ चौहान के मुताबिक कनेक्शन लेने में सबसे ज्यादा स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक हैं. इसके अलावा कई ऐसे लोग भी हैं जो नोएडा या फिर अन्य मेट्रो सिटी में काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उन्हें काशीपुर में अपने घर से काम करना पड़ा है. ये लोग भी बीएसएनएल ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल कर रहे हैं.