काशीपुर में NH-74 पर ढेला नदी के ऊपर बना पुल धंसा. काशीपुरः उत्तराखंड में बारिश आफत बनकर बरस रही है. पहाड़ से लेकर मैदान तक भारी बारिश का कहर दिखाई दे रहा है. पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश से भूस्खलन की घटनाएं हर दिन रिकॉर्ड की जा रही है. जबकि नदी-नाले भी उफान पर पहुंच चुके हैं. पानी के तेज बहाव के कारण नदी के ऊपर बने पुल भी धंस रहे हैं. बुधवार की सुबह उधमसिंह नगर के काशीपुर में एनएच-74 पर ढेला नदी के ऊपर बना पुल का हिस्सा धंस गया. इससे पुल के दो हिस्से हो गए. पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया है. सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने मौके पर मोर्चा संभाल लिया है.
पुलिस का कहना है कि घटना के दौरान किसी भी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई. पुल धंसने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश भी देखने को मिल रहा है. ग्रामीणों ने पुल निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के आरोप लगाया है. घटना के बाद एसएसपी मंजूनाथ टीसी और जसपुर विधायक आदेश चौहान ने घटनास्थल का मुआयना किया. विधायक आदेश चौहान ने एनएच अधिकारियों को जमकर फटकार भी लगाई है.
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वहीं पूरे मामले पर काशीपुर के एसडीएम अभय प्रताप सिंह ने कहा कि ढेला नदी में अधिक पानी आने की वजह से ढेला नदी का अप्रोच नीचे बैठ गया है. पानी का बहाव एक तरफ होने की वजह से ऐसा हुआ है. विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. नेशनल हाईवे के ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया है. यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर मौके पर पुलिस कर्मियों की तैनाती कर दी है.
सितारगंज में 50 परिवारों का रेस्क्यू: पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश के चलते सितारगंज में बहने वाली बैगुल नदी ने रौद्र रूप धारण कर रखा है. बुधवार को सितारगंज में शक्तिफार्म के अरविंद नगर में बाढ़ आने से प्रशासन ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पुलिस टीम के सहयोग से 50 से अधिक परिवारों का रेस्क्यू किया. सभी बाढ़ पीड़ितों को प्रशासन ने प्राइमरी स्कूल में अस्थाई रूप से ठहराया है. प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था भी की है.
हल्द्वानी में पेयजल संकट: काठगोदाम और हल्द्वानी क्षेत्र में मंगलवार शाम हुई भारी बारिश के कारण सड़कें और नहरें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. बारिश ने गौला बैराज के कैनाल फिल्टर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है. इससे हल्द्वानी शहर की आधी आबादी को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है. शहर की पेयजल व्यवस्था सुचारू करने के लिए जल संस्थान और जिला प्रशासन लगा हुआ है. फिलहाल जल संस्थान टैंकरों के माध्यम से लोगों के घरों तक पीने का पानी पहुंचा रहा है.
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