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गदरपुर में 'जात्रा गान' की धूम,  बंगाली संस्कृति को बचाने की पहल

देश भर में बंगाली बाहुल्य क्षेत्रों में बांग्ला संस्कृति को बचाए रखने के लिए पश्चिम बंगाल के सुप्रसिद्ध जात्रा टीम द्वारा जात्रा गान (बांग्ला नाटक) का आयोजन किया जा रहा है.

जात्रा गान

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Published : Nov 20, 2019, 10:17 AM IST

गदरपुरः सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी द्वारा बंगाली संस्कृति को बचाए रखने के लिए प्रयासरत है. पश्चिम बंगाल के सुप्रसिद्ध जात्रा टीम द्वारा क्षेत्र में जात्रा गान कराया जा रहा है. क्षेत्र में जगह-जगह जात्रा गान की धूम मची हुई है. गदरपुर के दिनेशपुर में सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी के तत्वाधान में बंगाली संस्कृति को बचाने के उद्देश्य से बांग्ला जात्रा गान (बांग्ला नाटक) का आयोजन हर वर्ष बड़े ही धूमधाम से किया जाता है.

जात्रा गान (बांग्ला नाटक) का आयोजन.

इस बार भी बांग्ला जात्रागान किया जा रहा है जिसमें पश्चिम बंगाल की सुप्रसिद्ध जात्रा टीम द्वारा तीन दिवसीय जात्रा गान का मंचन किया जा रहा है जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचकर जात्रा गान का लुत्फ उठा रहे हैं.

बता दें कि सर्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी द्वारा बंगाली लोक कला संस्कृति कल्चर आदि बचाए रखने के लिए बीच-बीच में बांग्ला कल्चर से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं, जिससे बंगाली समाज का कल्चर बचाया जा सके.

इसी उद्देश्य से कोलकाता से जात्रा गान बांग्ला नाटक आयोजित हो रहा है. वहीं जात्रा गान की टीमों द्वारा भ्रूण हत्या, महिलाओं पर अत्याचार सहित अन्य मुद्दों पर जनजागृति कर रहे हैं.

बता दें कि गदरपुर बंगाली बहुमूल्य क्षेत्र है. यहां बंगालियों के कल्चर को बचाने के लिए गदरपुर के दिनेशपुर की सबसे बड़ी सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी द्वारा साल में एक बार इसका आयोजन किया जाता है

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इस दौरान जात्रा टीम की नायिका चंपा हालदार ने कहा है कि हमारी टीम भारतवर्ष के जहां-जहां बंगाली समाज के लोग रहते हैं वहां जाकर बंगाली समाज के कल्चर को बचाए रखने के उद्देश्य से जात्रा गान बांग्ला नाटक का मंचन करते हैं.

वहीं जात्रा टीम के खलनायक पाल मुखर्जी ने कहा है कि आजकल का युवा जात्रा व अपना कल्चर भूलता जा रहा है. इसको बचाए जाने के उद्देश्य से हम लोग भारत के कोने-कोने में जाकर अपनी संस्कृति को बचाए रखने के लिए युवा वर्ग को प्रेरणा देते रहते हैं. जिसके चलते इस बार पश्चिम बंगाल से दिनेशपुर आए हैं.

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