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उधम सिंह नगर जिले में ऑफ सीजन धान की खेती पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी, ये है वजह

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Published : Dec 15, 2019, 1:20 PM IST

पंजाब के बाद अब उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में ऑफ सीजन के धान उगाने में प्रतिबंध लग सकता है. इसके पीछे गर्मियों के दिनों में लगातार गिर रहा जल स्तर है. कृषि विभाग द्वारा शासन को प्रस्ताव भेज दिया है.

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धान

रुद्रपुरः गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए उधम सिंह नगर जिला प्रशासन ऑफ सीजन में धान की खेती पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में जुट गया है. जिले में 18 से 20 हजार हेक्टेयर में धान की ऑफ सीजन फसल पर रोक लगाने के लिए प्रशासन द्वारा शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. उमीद जताई जा रही है कि वर्ष 2020 में ऑफ सीजन के धान पर प्रतिबंध लग सकता है.

धान फसल पर लगेगा प्रतिबंध.

फूड बाउल जिले में अब धान की ऑफ सीजन फसल पर जिला प्रशासन द्वारा रोक लगाई जा सकती है. इसके पीछे मुख्य वजह लगातार भूजल स्तर का गिरना बताया जा रहा है. जिले में पानी के संरक्षण के लिए कृषि विभाग जनवरी से मार्च तक लगने वाले धान पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर चुका है.

इसके लिए विभाग द्वारा शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज भी दिया है. दरअसल गर्मियों में तराई के क्षेत्र यानी कि उधम सिंह नगर में वाटर लेबल लगातार नीचे गिर रहा है. जिसको लेकर कृषि वैज्ञानिक चिंता भी जाहिर कर चुके हैं. गर्मियों के सीजन में वाटर लेबल को बनाये रखने के लिए कृषि विभाग जिले में धान की ऑफ सीजन पर प्रतिबंध लगा सकता है. वैज्ञानिकों की मानें तो ऑफ सीजन के धान के कारण गर्मियों के दिनों में होने वाले धान उत्पादन में इसका असर देखने को मिलता है.

जिस कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. गौरतलब है कि जिले में 18 से 20 हजार हेक्टेयर में धान की ऑफ सीजन धान की फसल उगाई जाती है, जबकि गर्मियों में धान की मुख्य फसल एक लाख पांच हजार हेक्टेयर में लगाई जाती है. ऑफ सीजन धान पर प्रतिबंध का प्रस्ताव बनाने के बाद कृषि विभाग किसानों को मक्के की फसल लगाने की सलाह दे रहा है.

जिस कारण किसानों को कम लागत पर अधिक मुनाफा हो सकता है. बेबी कार्न और स्वीट कार्न की मार्केट में अच्छी डिमांड होने और उधम सिंह नगर जिले में कई फैक्ट्रियों में इसकी अच्छी डिमांड होने के चलते किसानों को इसके अच्छे दाम भी मिल सकते हैं. वहीं देखना होगा कि प्रशासन की यह मुहिम कितनी कारगर साबित होती है.

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