बाजपुरः बन्नाखेड़ा क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया. जब 6 बच्चों का सामना एक बाघ से हो गया. जिसे देख बच्चों के होश फाख्ता हो गए. डरे सहमे बच्चे आनन-फानन में पेड़ों पर चढ़ गए और परिजनों को फोन पर इसकी सूचना दी. जहां पर उनकी इस सूझ-बूझ से सभी की जान बच पाई.
जानकारी के मुताबिक, बीते सोमवार को बन्नाखेड़ा वन क्षेत्र के प्लॉट संख्या 45 के करारी जंगल में बरहैनी गांव के छह बच्चे लकड़ियां और बेर तोड़ने के लिए गए थे, लेकिन उनका सामना एक बाघ से हो गया. बताया जा रहा है कि वहां पर एक भैंस मरी हुई थी. जिसे खाने के लिए अचानक से एक बाघ आ धमका. जिसे देख उनके होश उड़ गए और तत्काल वो पेड़ों पर चढ़ गए. गनीमत ये रही की एक बच्चे के पास मोबाइल फोन था. घबराए बच्चों ने परिजनों को फोन कर इसकी सूचना दी.
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वहीं परिजनों ने आनन-फानन में घटना की सूचना वन विभाग को दी. जिसके बाद बन्नाखेड़ा वन दरोगा सुरेंद्र सिंह जलाल और समाजसेवी वीरेंद्र बिष्ट समेत परिजन और अन्य लोग मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने शोर मचाया. जिसे सुन बाघ जंगल की ओर भाग गया और बच्चों को पेड़ से उतारा गया. जिसके बाद उनकी जान में जान आई.
बन्नाखेड़ा रेंज के वन दरोगा सुरेंद्र सिंह जलाल ने बताया कि प्लॉट नंबर-45 में बच्चों के फंसे होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद वे वन रक्षक अशरफी लाल और परिजनों के साथ मौके पर पहुंचे. जहां पर बच्चों को सकुशल परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है. इनमें बरहैनी गांव के आकाश, मोनू, विशाल, रोहित, विवेक और आनंद सिंह शामिल थे. सभी की उम्र 10 से 13 साल के बीच है. वहीं, लोग बच्चों की इस बहादुरी की सराहना कर रहे हैं.