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पटवारी हसन गुल को मरने के बाद मिला न्याय, SIT ने निर्दोष साबित किया

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Published : Jun 28, 2019, 12:14 PM IST

Updated : Jun 28, 2019, 1:18 PM IST

जमीन घोटाला मामले में कालाढूंगी तहसील मामले में पटवारी गुल हसन को मरने के बाद न्याय मिला है. मामले जांच के लिए गठित की गई एसआईटी ने गुल हसन को निर्देश करार दिया है.

लेखपाल संघ अध्यक्ष तारा घिल्डियाल

नैनीताल: कालाढूंगी तहसील में कार्यरत पटवारी गुल हसन को जमीन घोटाला मामले में मरणोपरांत न्याय मिला है. एसआईटी ने माना है कि गुल हसन के खिलाफ दर्ज किया गया मुकदमा झूठा था. जिसके बाद पटवारी संघ में रोष देखने को मिल रहा है. अब लेखपाल संघ के अध्यक्ष तारा घिल्डियाल ने पुलिस और एसआईटी पर मुकदमा कराने की बात कही है. साथ ही मामला हाई कोर्ट में ले जाने की बात कही है.

लेखपाल संघ अध्यक्ष तारा घिल्डियाल

बता दें, 3 नवंबर 2018 को पटवारी गुल हसन के खिलाफ लैंड फ्रॉड मामले में में एसआईटी/पुलिस ने केस दर्ज किया था. इस पर उत्तराखंड लेखपाल संघ झूठी शिकायत के खिलाफ पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया था, जिस पर जिलाधिकारी नैनीताल ने मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन 12 जनवरी 2019 किया था, इस जांच समिति को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट उपलब्ध कराई जानी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ था.

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राजस्व कार्मिकों द्वारा षडयंत्र कर झूठी शिकायत के दर्ज कराने के संबंध में उत्तराखंड लेखपाल संघ ने 4 फरवरी 2019 अपना विरोध शुरू कर दिया था. जिसके चलते तीन महीने के बाद भी जांच रिपोर्ट उपलब्ध नहीं हो पाई. जिसके चलते पटवारी गुल हसन डिप्रेशन का शिकार हो गया और बीती 28 मार्च को उनकी मृत्यु हो गई थी.

Last Updated : Jun 28, 2019, 1:18 PM IST

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