टिहरी: चुनावी मंच से गरीबों के लिए विकास की बातें करने वाली सरकारों का विकास गांव के गरीब तक आते-आते बीच में ही कहीं खो जाता है. जिसका अंदाजा घनसाली श्रीनगर मोटर मार्ग पर लोहे के हथियार बना रहे मारिया को देखकर लगाया जा सकता है. जिनकों पिछले 44 साल से किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है.
गांवों तक विकास पहुंचाने का दावा साबित हुआ खोखला, लोहार ने बयां किया अपना दर्द - टिहरी घनसाली
मारिया सड़क किनारे आधा दर्जन से अधिक गांव के लिए लोहे के हथियार बनाते हैं. मारिया की उम्र 62 साल है और वह 18 साल के थे, तब से वह यह काम करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे 18 साल से वोट डाल रहे हैं. लेकिन आजतक उन्हें किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है.
मारिया सड़क किनारे आधा दर्जन से अधिक गांव के लिए लोहे के हथियार बनाते हैं. मारिया की उम्र 62 साल है और वह 18 साल के थे, तब से वह यह काम करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे 18 साल से वोट डाल रहे हैं. लेकिन आजतक उन्हें किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है. मारिया कहते हैं कि वे ब्लॉक से लेकर जिला प्रशासन तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है. वे कहते हैं कि चुनाव के समय कई नेता उनके पास वोट मांगने आते हैं और वोट मांगने के बाद दोबारा सुध लेने नहीं लेते.
मारिया बताते हैं कि उन्हें यह काम करते हुए 44 साल हो गये हैं. लेकिन आजतक उन्हें कोई भी सरकारी सुविधाएं नहीं मिली. उन्होंने बताया कि उनका नाती भी रोजगार की तलाश में पिछले काफी समय से भटक रहा है लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली है. वे कहते हैं कि सरकार ने पिछड़े लोगों के लिए कई योजनाएं लाई. लेकिन यह योजना कहां जा रही है, उन्हें नहीं पता, जबकि वे कई बार फार्म भर चुके हैं.