टिहरी/पौड़ी:इस बार दीपावली में टिहरी के जौनपुर ब्लाक के भुट्टागांव में गोबर के दियों से घरों को रौशन किया जाएगा. इन दिनों गांव की महिलाएं गोबर से दिए, गमले और विभिन्न प्रकार की पूजन सामग्री तैयार कर रही हैं. पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी इस पहल के लिए महिलाओं का वन विभाग भी सहयोग कर रहा है. वहीं, पौड़ी के द्वारीखाल ब्लॉक के ग्राम सभा क्षेत्र बमोली में भी इन दिनों गोबर के दीए बनाए जा रहे हैं. इस काम को 4 युवक मिल कर अंजाम दे रहे हैं. ग्राम प्रधान विनीता रावत ने बताया कि दीये बनाने के लिए छह डाई का प्रयोग किया जा रहा है.
मसूरी में महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर
पर्यावरण संरक्षण को साफ और सुरक्षित रखने साथ ही अपनी आजिविका और आर्थिकी को मजबूत करने का भुट्टागांव की महिलाओं ने दृढ़ निश्चय कर लिया है. प्रखंड जौनपुर के भुट्टागांव में धात्री स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत गांव के 5 पुरुषों और 20 महिलाएं गोबर के दीए बनाने का काम कर रही हैं. इसके लिए इन्हें वन विभाग से भी सहायता मिल रही है. विभाग ने इन्हें मशीनें उपलब्ध कराई हैं, जिसकी सहायता से दीए, गमले और गोबर की लकड़ी का उत्पादन किया जा रहा है. प्रतिदिन 400 से 500 दीये और गमले बनाए जा रहे हैं. समूह की अध्यक्ष रोशनी देवी और सचिव कृष्णा देवी ने बताया कि गांव की महिलाओं को खेती-बाड़ी और घर के अन्य कामकाजों अलावा 2 से 3 घंटे का समय समूह को दे कर अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं. दीयों की कीमत 5 रुपये और गमलों की कीमत 10, 20 और 35 रुपये तक है, जिनकी डिमांड बाजारों में खूब हो रही है.