टिहरी: झील से परेशान भल्डगांव और बधान गांव के ग्रामीणों ने विस्थापन की मांग की है. जिसे लेकर ग्रामीण टीएचडीसी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे हैं. ग्रामीण लगातार कई सालों से विस्थापन की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा जब तक गांव का विस्थापन नहीं होता है तब तक धरना जारी रहेगा.
धरने पर बैठ ग्रामीणों ने कहा टिहरी बांध की झील में जमीनें डूब गई हैं. जिसके बदले टीएचडीसी ने उन्हें कोई भुगतान नहीं किया है. आज तक विस्थापन की भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. टीएचडीसी नियमों के दांव पेच में ग्रामीणों को विस्थापन करने से आनाकानी कर रही है. ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा जब तक ग्रामीणों का पुनर्वास नहीं हो जाता है तब तक धरना जारी रहेगा.
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सामाजिक कार्यकर्ता सागर भंडारी ने कहा टीएचडीसी मनमानी कर रही है. जिसके कारण ग्रामीणों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. टिहरी झील के कारण गांव की जल, जंगल, जमीन पूरी तरह से झील में डूब गई है. डूबी हुई संपत्तियों का अभी तक किसी भी तरह का कोई भुगतान नहीं हुआ है. टिहरी बांध परियोजना के निदेशक एलपी जोशी ने कहा ग्रामीणों का पुनर्वास 99% हो चुका है. जो लोग छुटे हैं उनको संयुक्त विशेषज्ञ समिति की टीम की जांच रिपोर्ट के बाद विस्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा हाई कोर्ट के साफ निर्देश हैं कि टीएचडीसी ऑफिस के बहार 200 मीटर के दायरे में कोई भी धरने पर नहीं बैठेगा. धरने पर बैठने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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