टिहरी:टिहरी जिले में नरेंद्रनगर के बखरियाणा क्षेत्र में मिलिट्री कैम्प दशकों पूर्व से स्थापित है. कैम्प परिसर के एक किनारे से होकर डौंर, तलाई, हौदू, बखरियाणा व बखरोटी आदि गांवों का पैतृक रास्ता है. पैतृक रास्ते को रोके जाने पर ग्रामीणों में असंतोष व्याप्त है. ग्रामीणों का कहना है कि तीन-चार वर्षों के अंतराल में यहां मिलिट्री की कंपनियां बदलती रहती हैं, मगर आज तक अधिकारियों ने ग्रामीणों का पैतृक रास्ता कभी बंद नहीं किया.
बखरियाणा में पैतृक रास्ता रोके जाने पर गुस्साए ग्रामीण, उप जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
नरेंद्रनगर के बखरियाणा क्षेत्र में दशकों से मिलिट्री कैंप स्थापित है. जिसके किनारे से कई गांवों के रास्ते बने हुये हैं. ग्रामीणों द्वारा आरोप लगाया गया है कि मिलिट्री अधिकारियों द्वारा पैतृक रास्ता राेक दिया गया है. इससे ग्रामीण परेशान है. इसीलिये उन्होंने पैतृक रास्ता बहाल करने के लिये एसडीएम को ज्ञापन सौंपा.
रास्ता बहाल करने के लिये एसडीएम को ज्ञापन सौंपा:लोगों का कहना है कि अधिकारियों द्वारा रास्ता बंद किए जाने पर स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं सहित ग्रामीणों की आवाजाही के लिये बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है. मिलिट्री द्वारा रास्ता खुलवाने को लेकर ग्रामीणों ने सूरत सिंह आर्य के नेतृत्व में उप जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर रक्षा मंत्री को संबोधित करते हुये ज्ञापन एसडीएम को सौंपा.
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एसडीएम ने उचित कार्रवाई का दिया आश्वासन:ग्रामीणों का कहना है कि वे भारतीय फौज का सम्मान करते हैं और कोई नया रास्ता नहीं मांग रहे हैं. ग्रामीणों की मांग है कि छोटे वाहनों की आवाजाही व पैदल चलने को पुरानी व्यवस्था बहाल की जाए. नहीं तो मिलिट्री गेट के बगल से जाने वाले पैदल रास्ते को 4 फुट दीवार लगाकर चौड़ा करके छोटे वाहनों के लिए तथा पैदल चलने के लिए निर्मित किया जाए. एसडीएम ने ग्रामीणों को उक्त मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए, राजस्व विभाग को मौका मुआयना करने के लिये निर्देशित किया है. ज्ञापन की कॉपी क्षेत्र के विधायक व प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल, केंद्रीय राज्य रक्षा मंत्री, जिलाधिकारी टिहरी को प्रेषित की गयी है.