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सेवा का अधिकार अधिनियम की प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित, नागरिक सेवाओं की प्राथमिकता पर जोर

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Published : Nov 26, 2022, 1:43 PM IST

टिहरी में उत्तराखंड सेवा का अधिकार अधिनियम की एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्याशाला आयोजित की गई. कार्यशाला में आयोग के आयुक्त बीएस मनराल ने कहा कि संबंधित सभी अधिकारी प्राथमिकता के आधार पर जनता को अभिसूचित सेवाएं उपलब्ध कराएं.

Right to Service Act
टिहरी कार्यशाला

टिहरी:आयुक्त उत्तराखंड सेवा का अधिकार आयोग बीएस मनराल की अध्यक्षता में जिला सभागार, टिहरी गढ़वाल में उत्तराखंड सेवा का अधिकार अधिनियम की एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्याशाला आयोजित की गई. आयुक्त ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड सेवा अधिकार अधिनियम के तहत 37 विभागों की 409 सेवाएं अधिसूचित की गई हैं, जो नागरिकों को मुहैया कराई जा रही हैं.

सभी संबंधित पदासीन अधिकारी, अपीलीय प्राधिकारी अपने दायित्वों को समझते हुए अधिसूचित सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर समयान्तर्गत नागरिकों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि अधिसूचित सेवाओं को नागरिकों को समय से उपलब्ध कराकर उनकी समस्यों का निस्तारण करना राज्य, जिला प्रशासन एवं विभागों का प्राथमिक दायित्व है. बीएस अनराल ने कहा कि अधिसूचित सेवाओं और समय सीमा को विभागों द्वारा ही निर्धारित किया गया, यदि कुछ संशोधन करने की आवश्यकता है, तो उच्च स्तर पर भेजना सुनिश्चित करें. यदि किसी सेवा को निरस्त किया जा रहा है, तो उसका ठोस कारण देते हुए लिखित में देते हुए रसीद प्राप्त करना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत स्वतः संज्ञान भी लिया जाता है.

उप सचिव, उत्तराखंड सेवा का अधिकार आयोग सुन्दर लाल द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से उत्तराखंड सेवा का अधिकार अधिनियम, 2011, अधिसूचित सेवाओं, आवेदन प्रक्रियाओं, पदासीन अधिकारियों एवं अपीलीय प्राधिकारियों के उत्तरदायित्वों, समय सीमा, सूचना पट्ट बोर्ड स्थापित सूचना, पंजिकाओं का रख-रखाव, पत्रावालियों का रख-रखाव, सेवा के अधिकार के तहत प्रेषित की जाने वाली रिपोर्ट के निर्धारित प्रारूप, स्थायी गार्ड फाइल, ऑनलाइन-ऑफलाइन दी जाने वाली सेवाओं आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत समय सीमा कार्य दिवस के आधार पर निर्धारित की गई है.
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जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. सौरभ गहरवार द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत मासिक रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप पर 3 तारीख तक अनिवार्य रूप से जिलाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा गया. ताकि 5 तारीख तक रिपोर्ट आयोग को प्रेषित की जा सके. गहरवार ने कहा कि जिन विभागों में एक से अधिक पदाभिहित अधिकारी हैं, वे जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करते हुए, सभी पदासीन अधिकारियों से समयान्तर्गत निर्धारित प्रारूप पर मासिक रिपोर्ट प्राप्त कर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. इस अवसर पर अधिकारियों द्वारा अपने सुझाव भी दिये गये तथा संशयों का निराकरण भी किया गया.

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