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श्रीदेव सुमन ने टिहरी राजशाही को दिन में दिखाए थे तारे, 84 दिन की थी भूख हड़ताल, बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि - District Magistrate Mayur Dixit

Sacrifice day of Shri Dev Suman राजशाही के खिलाफ 84 दिनों तक भूख हड़ताल करने वाले अमर शहीद श्रीदेव सुमन का आज बलिदान दिवस है. इस मौके पर डीएम, विधायक सहित सभी सामाजिक संगठनों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. आज के दिन टिहरी जेल जनता के लिए खोली जाती है. श्रीदेव सुमन के जन्मदिन और बलिदान दिवस पर लोग उनकी 35 सेर लोहे के बेड़ियां देखने के लिए पहुंचते हैं.

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Published : Jul 25, 2023, 1:55 PM IST

श्री देव सुमन का बलिदान दिवस आज

टिहरी:राजशाही के चंगुल से टिहरी की प्रजा को आजाद कराने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी श्रीदेव सुमन को उनके बलिदान दिवस पर आज याद किया गया. जिले में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित हुए. जिसमें टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय, जिला अधिकारी मयूर दीक्षित समेत अन्य लोगों ने सुमन जी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए. साथ ही शिक्षण संस्थाओं के बच्चों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई और वृक्षारोपण किया गया.

श्री देव सुमन का बलिदान दिवस आज

35 सेर लोहे की बेड़ियों से जकड़े थे श्रीदेव सुमन:श्रीदेव सुमन का जन्म टिहरी जिले के चंबा विकासखंड के जौल गांव में 25 मई 1916 को हुआ था. टिहरी राजशाही के अत्याचारों से मुक्ति पाने के लिए टिहरी की जनता छटपटा रही थी. टिहरी राजशाही के खिलाफ श्रीदेव सुमन ने 84 दिनों की ऐतिहासिक भूख हड़ताल करके अपने प्राणों की आहुति दे दी. टिहरी राजशाही द्वारा उन्हें 35 सेर लोहे की बेड़िया से बंदी बनाकर जेल में रखा गया.

श्री देव सुमन का बलिदान दिवस आज

84 दिनों तक अधिकारों के लिए किया अमरण अनशन:श्रीदेव सुमन ने क्रूर राजशाही के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बजा दिया. राजशाही के फरमान पर श्रीदेव सुमन को अनेकों बार टिहरी जेल में डाला गया. अंतिम बार वह 209 दिनों तक टिहरी जेल में रहे. उन्हें जेल में अनेकों यातनाएं दी गई. नारकीय जीवन जीने को मजबूर किया गया. इतना ही नहीं उनको रोटियों में कांच पीसकर खिलाया गया. अत्याचारों के खिलाफ सुमन जी ने टिहरी जेल में 3 मई 1944 से आमरण अनशन शुरू कर दिया था. 84 दिनों तक वह आमरण अनशन पर डटे रहे और प्रजा के अधिकारों की लड़ाई लड़ते हुए 25 जुलाई 1944 को उन्होंने प्राणों की आहुति दे दी.

श्री देव सुमन के बलिदान दिवस पर किया गया वृक्षारोपण

घोषणाओं को धरातल पर उतारने का किया जाएगा काम:जिला अधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि आज के दिन एक महान आत्मा श्रीदेव सुमन का बलिदान दिवस है. उन्होंने लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी थी और 84 दिनों तक भूखे रहकर अपना बलिदान दिया था. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा श्रीदेव सुमन के परिपेक्ष में जितनी भी घोषणाएं की गई, उनको धरातल पर उतारने का काम किया जाएगा.
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टिहरी के भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि श्रीदेव सुमन, मंगल पांडे और और चंद्रशेखर आजाद से भी कम नहीं थे. उन्होंने कहा कि टिहरी की धरती ने सुंदरलाल बहुगुणा, विश्वेश्वर दत्त सकलानी जैसे पर्यावरणविद पैदा किए. जिन्होंने अपने जीवन काल में 50 हजार से अधिक पेड़ लगाए. इंद्रमणि बडोनी नहीं होते तो उत्तराखंड राज्य भी नहीं बनता. इसी बीच टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने सरकार से टिहरी बांध की झील का नाम सुमन सागर रखने की मांग की है.

35 सेर लोहे की बेड़ियों से जकड़े थे श्रीदेव सुमन
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