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टिहरी झील का बढ़ा जलस्तर, खतरे में जीने को मजबूर लोग - tehri lake water level increased

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के चलते टिहरी झील का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है. जिससे वहां के आसपास के लोगों में डर का माहौल बना हुआ है. इसे देखते हुए आंशिक डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा ने पुनर्वास निदेशक/ जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है.

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डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा ने डीएम को सौंपा ज्ञापन.

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Published : Aug 20, 2020, 1:40 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 2:07 PM IST

टिहरी: डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा ने बताया कि उत्तराखंड शासन के आदेश पर 28 सितंबर 2010 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था. इसमें बीना घाटी के 45 ग्रामों का निरीक्षण किया गया था. रिपोर्ट के अनुसार भिलंगना घाटी के नौ गांव प्रभावित पाए गए थे. इनमें लगभग 415 परिवारों के विस्थापन की संस्तुति दी गई थी. उन्होंने कहा कि उसके बाद पुनर्वास विभाग द्वारा 8 फरवरी 2013 को 3 माह में विस्थापन कार्य पूर्ण करने का रोडमैप तैयार किया गया.

डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा ने डीएम को सौंपा ज्ञापन.

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सोहन सिंह राणा ने कहा कि ग्रामीण 16 अगस्त 2012 से लगातार आंदोलन कर रहे हैं. क्योंकि ग्रामीण टिहरी झील से भू-धंसाव के चलते क्षतिग्रस्त मकानों में रहने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि वह कई सालों से आंदोलन कर रहे हैं, कि सरकार टीएचडीसी से कहे कि झील का जलस्तर 825 ही रहने दे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनका शीघ्र पुनर्वास नहीं किया गया तो उनके पास आंदोलन के सिवाय कोई चारा नहीं बचेगा.

वहीं, मंगेश घिल्डियाल पुनर्वास निदेशक/ जिलाधिकारी ने कहा कि उनकी विशेषज्ञ समिति ने कुछ गांव विस्थापन की कैटेगरी में रखे हैं. उन्होंने कहा कि वह भूमि की तलाश कर रहे हैं और इसे लेकर टीएचडीसी से बात की जा रही है. उन्होंने कहा कि जो भी प्रकरण हैं उन पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी. अपने स्तर से वह हर वो प्रक्रिया कर रहे हैं, जिससे ये मामला जल्दी ही निपट सके.

Last Updated : Aug 20, 2020, 2:07 PM IST

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