टिहरी/देहरादून: जिले के सकलाना पट्टी निवासी कमलेश भट्ट की 16 अप्रैल को दुबई में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. तमाम कोशिशों के बाद शव भारत लाया गया लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट से दोबारा वापस भेज दिया गया. ईटीवी भारत ने जब खबर को प्रमुखता से उठाया तो शासन-प्रशासन हरकत में आया है. टिहरी डीएम डॉ. वी षणमुगम ने राज्य सरकार को पत्र लिखा है और शव को वापस लाने का मांग की गई है. राज्य का गृह विभाग इस मामले में केंद्र से बात करेगा.
DM टिहरी ने सरकार को लिखा. ईटीवी भारत से बातचीत में जिलाधिकारी डॉ. वी षणमुगम का कहना है कमलेश के शव को लाने से लेकर वापस भेजने तक यूएई और भारत सरकार से संपर्क नहीं हुआ था इसलिए शव वापस भेजा गया. शव जल्द भारत लाने के लिये उन्होंने राज्य सरकार को पत्र लिख दिया है.
दुबई से लाया गया था कमलेश का शव. विलाप करते कमलेश के परिजन. पढ़ें-मिन्नतों के बाद दुबई से लाया गया उत्तराखंड के बेटे का शव, हाय री किस्मत...फिर वापस भेजा गया
बता दें कि सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट की 16 अप्रैल को दुबई में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी तब से कमलेश भट्ट के परिजन डेड बॉडी भारत लाने की मांग कर रहे थे. दुबई में रह रहे सामजिक कार्यकर्ता रोशन रतूड़ी के प्रयासों से 23 अप्रैल की रात दुबई के आबूधाबी एयरपोर्ट से एक कार्गो विमान 3 शवों को लेकर दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के बगल में कार्गो टर्मिनल गेट नंबर 6 पर उतरा. इनमें कमलेश की डेड बॉडी भी थी.
सकलाना पट्टी निवासी कमलेश भट्ट का घर. भारतीय एंबेसी द्वारा रात 10 बजे एक आदेश निकाला गया कि बाहर से आने वाली जितनी भी डेड बॉडी हैं उनको रिसीव न किया जाए. इसके चलते कमलेश भट्ट का शव परिजनों को नहीं मिल सका. इस वजह से कमलेश की डेड बॉडी सहित तीनों शव वापस दुबई आबूधाबी एयरपोर्ट के लिए विमान से वापस लौटा दिये गए. इसके बाद कमलेश के परिजनों को निराश होकर सुबह 5 बजे वापस उत्तराखंड के लिए लौटना पड़ा था.