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धूमधाम से मनाया गया टिहरी डैम का स्थापना दिवस, उत्तराखंड की दिखी संस्कृति - अधिशासी निदेशक एल पी जोशी

टिहरी डैम स्थापना दिवस बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया. इसी बीच कई रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें उत्तराखंड की संस्कृति की झलक दिखाई दी. टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी को 2023 का गौरव सम्मान मिला है.

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Published : Jul 13, 2023, 12:47 PM IST

धूमधाम से मनाया गया टिहरी डैम स्थापना दिवस

टिहरी:टिहरी बांध परियोजना ने धूमधाम से अपना 36 वां स्थापना दिवस मनाया. स्थापना दिवस के अवसर पर अनेक तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. 12 जुलाई 1988 को टिहरी बांध बनाने के लिए नींव रखी गई थी और आज टिहरी बांध परियोजना बनके तैयार है. जिससे बिजली का उत्पादन होता है. रंगारंग कार्यक्रम में केदारनाथ से लेकर उत्तराखंड के सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम किए गए और उन लोगों को भी याद किया गया, जिन्होंने टिहरी बांध बनाने में अपना जीवन समर्पित कर दिया.

टिहरी डैम स्थापना दिवस पर आयोजित हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम

टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक लक्ष्मी प्रसाद जोशी ने कहा कि टिहरी बांध परियोजना का निर्माण 12 जुलाई 1988 से शुरू हुआ और उस समय भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार का एक संयुक्त उपक्रम बना था. उस वक्त हमारे पास एक ही परियोजना थी. टिहरी बांध परियोजना को बनाने के लिए यह कॉर्पोरेशन बनाया गया था और उसके बाद आज हम इस स्थिति में हैं कि पावर सेक्टर में ऊर्जा के सभी क्षेत्र में हमने वेंचर आउट किया है. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने अभी खुर्जा में थर्मल प्लांट की भी कमीशनिंग की है. साथ ही एक महत्वाकांक्षी परियोजना पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं.
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अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने कहा कि 2013 की आपदा में टिहरी बांध परियोजना ने मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ आने से बचाने का पूरा काम किया है. हिमाचल में आज जितनी बारिश और बाढ़ आ रही है, उससे हिमाचल के जितने भी पावर स्टेशन हैं, उनमें से चार पांच प्लांट बंद हो गए हैं, क्योंकि उसमें सिल्ट की मात्रा बहुत होती है, इसलिए प्लांट को बंद करना पड़ता है. हमारे पास जो टिहरी का डैम है, उसमें सिल्ट की समस्या नहीं है. उन्होंने बताया कि आज टिहरी झील का स्तर 777.10 आरएल मीटर है और हम दिन में 5 से 6 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन कर रहे हैं, क्योंकि अभी तक उत्तराखंड सरकार से टिहरी डैम की झील भरने के लिए 830 आरएल मीटर भरने की अनुमति है.
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