उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

टिहरी बांध प्रभावितों ने धरनास्थल पर मनाई इगास, त्यौहार मनाते छलक आया दर्द - धरनास्थल पर मनाई इगास

टिहरी में विस्थापन की मांग को लेकर मुखर (Tehri Womens Protest) महिलाओं ने पुनर्वास ऑफिस के बाहर इगास पर्व मनाया. महिलाओं ने रात को स्थानीय व्यंजन धरनास्थल पर बनाए और भैलो मशाल जलागकर इगास पर्व को सेलिब्रेट किया. उन्होंने सीएम धामी (CM Pushkar Singh Dhami) से जल्द मांगों पर गौर करने की मांग की है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Nov 5, 2022, 11:58 AM IST

Updated : Nov 5, 2022, 12:20 PM IST

टिहरी:प्रदेश में जहां इगास पर्व (Uttarakhand Igas festival) की धूम रही, वहीं दूसरी ओर विस्थापन की मांग को लेकर मुखर (Tehri Women Protest) महिलाओं ने पुनर्वास ऑफिस के बाहर पर्व मनाया. महिलाओं ने रात को स्थानीय व्यंजन धरनास्थल पर बनाए और भैलो मशाल जलाकर इगास पर्व को सेलिब्रेट किया. महिलाओं का कहना है कि जहां एक ओर लोग घर पर इगास पर्व मना रहे हैं, वहीं उन्हें खुले आसमान के नीचे पर्व मनाना पड़ा. उन्होंने सीएम धामी (CM Pushkar Singh Dhami) से जल्द मांगों पर गौर करने की मांग की है.

अपने घर से दूर रहकर धरने पर बैठी महिलाओं ने रात को पुनर्वास ऑफिस के बाहर चूल्हा जलाकर पकौड़ी और अन्य स्थानीय व्यजंन बनाकर इगास पर्व मनाया. जहां प्रदेश में सभी लोगों ने अपने घरों में इगास मनाया, वहीं टिहरी झील से परेशान रौलाकोट उठड़ गांव के ग्रामीण पुनर्वास कार्यालय के बाहर पिछले 3 दिनों से धरने पर बैठे हैं.

टिहरी बांध प्रभावितों ने धरनास्थल पर मनाई इगास
पढ़ें- KMOU व GMOU की बसों का टैक्स हुआ एक चौथाई, यात्रियों को किराए में मिलेगी राहत

वहीं प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि उत्तराखंड के सभी नेता अधिकारी अपने अपने घरों में खुशी से इगास दीपावली मना रहे हैं. वहीं आज हम महिलाएं दुखी होकर पुनर्वास कार्यालय के बाहर अपने परिवार को छोड़कर घर से दूर रहकर इगास मना रहे हैं. उन्होंने सीएम से पुनर्वास की गुहार लगाई है, उन्होंने जल्द मांगों पर गौर करने की मांग की.

बता दें कि बीते दिनों से बांध प्रभावित ग्रामीण पुनर्वास ऑफिस के बाहर रात भर ठंड में धरने में बैठे रहे. गुस्साई महिलाओं का कहना है कि अधिकारी नेता चैन की नींद सो रहे हैं. इसलिए उन्हें जगाने के लिए रात को भी प्रदर्शन करना पड़ रहा है. महिलाओं ने कहा कि उत्तराखंड राज्य इसलिए नहीं मांगा था कि महिलाओं को अपनी मांगों को लेकर रात को भी धरना देना पड़ रहा है. साथ ही अधिकारी सुध लेने तक नहीं पहुंच रहे हैं, जो सीधे महिलाओं का अपमान है.
पढ़ें-टिहरी सुमन पुस्तकालय में देखरेख के अभाव में सड़ रहे 100 साल पुराने दुर्लभ दस्तावेज

टिहरी झील से प्रभावित (affected by tehri lake) रौलाकोट उठड़ पीपोला नांदगांव उप्पू, भलड़ियाना के ग्रामीण लगातार 20 सालों से विस्थापन की मांग करते आ रहे हैं. लेकिन पुनर्वास विभाग की दोहरी नीति के कारण आधा दर्जन से अधिक गांवों को पात्रता की सूची में नहीं लिया गया. जबकि टिहरी झील के आसपास 25 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं, जिन्हें विस्थापित नहीं किया गया है. इसको लेकर रौलाकोट, नंदगांव, पीपोला, उठड़ आदि गांवों की महिलाओं ने विस्थापन की मांग को लेकर पुनर्वास ऑफिस के मुख्य दरवाजे पर धरना दिया. जिससे ऑफिस में काम कर रहे कर्मचारी ऑफिस के अंदर ही फंस गए. महिलाओं को मनाने के लिए मौके पर पुलिस बल को भी बुलाया गया.

मसूरी में रही इगास की धूम:मसूरी में इगास पर्व पर का कार्यक्रम स्थानीय प्रशासन के द्वारा मसूरी के गढ़वाल टैरेस मालरोड पर आयोजित किया गया. कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के पहाडी व्यंजनों के स्टाल भी लगाए गए. जिसमें प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाले उत्पादों से तैयार किए गए व्यंजनों को पर्यटक और स्थानीय लोगों को परोसा गया. वहीं स्थानीय व्यंजनों का लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया, इस मौके पर पारंपरिक नृत्य और गीतों का भी आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जिलाधिकारी सोनिका सिंह और एसडीएम मसूरी शैलेंद्र सिंह ने प्रतिभाग किया.वहीं छोलिया नृत्य और लोक संस्कृति के कार्यक्रमों में लोग जमकर थिरके.

Last Updated : Nov 5, 2022, 12:20 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details