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'रानी' के सामने जीत की हैट्रिक लगाने की चुनौती, जानें उनका नेपाल कनेक्शन - tehri bjp candidate mala rajya lakshmi shah nepal connection

राज्य बनने के बाद उत्तराखंड से निर्वाचित पहली महिला सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह का जन्म 23 अगस्त 1950 को काठमांडू नेपाल में हुआ था. उनके पिता स्वर्गीय सेवानिवृत्त जनरल अर्जुन शमशेर जंग बहादुर राणा व मां का नाम स्वर्गीय रानी बिंदू देवी राणा राजलक्ष्मी है.

टिहरी सांसद रानी माला राज्यलक्ष्मी शाह

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Published : May 23, 2019, 5:23 AM IST

टिहरी: देश आजाद होने के अबतक उत्तराखंड की टिहरी लोकसभा सीट पर 18 बार चुनाव हुए हैं, जिनमें दो उपचुनाव भी शामिल हैं. इस सीट पर अबतक 9 बार कांग्रेस और 7 बार भाजपा ने कब्जा जमाया है लेकिन टिहरी राज परिवार से जुड़े लोगों का ही सीट पर ज्यादातर दबदबा रहा है. इस बार भी राज परिवार से बीजेपी प्रत्याशी रानी माला राज्यलक्ष्मी शाह मैदान में हैं. उनके सामने इस बार जीत की हैट्रिक लगाने की चुनौती है. आइये आपको उनकी जिंदगी से रूबरू करवाते हैं.

जीत की चुनौती.

राज्य बनने के बाद उत्तराखंड से निर्वाचित पहली महिला सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह का जन्म 23 अगस्त 1950 को काठमांडू नेपाल में हुआ था. उनके पिता स्वर्गीय सेवानिवृत्त जनरल अर्जुन शमशेर जंग बहादुर राणा व मां का नाम स्वर्गीय रानी बिंदू देवी राणा राजलक्ष्मी है. माला राजलक्ष्मी शाह ने प्रारंभिक इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी पुणे और रत्ना राजलक्ष्मी कॉलेज काठमांडू से पूरी की.

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राज्यलक्ष्मी का विवाह 7 फरवरी 1973 में नेपाल काठमांडू राणा शाही घराने से उत्तराखंड टिहरी राजशाही परिवार में मानवेंद्र शाह के पुत्र मनुजेंद्र शाह के साथ हुआ. राजलक्ष्मी की एक बेटी हैं जिनका नाम कृश्या कुमारी देवी है. वह भी मां की तरह वर्तमान में राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय होती जा रही हैं.

राज्यलक्ष्मी शाह का परिवार

  • माला राज्यलक्ष्मी टिहरी शाही परिवार के वंशज मानवेंद्र शाह की बहू हैं, जिन्होंने लोकसभा में रिकॉर्ड कई बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया.
  • मानवेंद्र शाह के नाम सर्वाधिक आठ बार इस सीट से सांसद रहने का रिकार्ड
    राजलक्ष्मी के पति मनुजेंद्र शाह साहिब बहादुर है और उनकी बेटी कृश्या कुमारी हैं.
  • वर्तमान में टिहरी सांसद रानी माला राज्यलक्ष्मी शाह एक राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता हैं.
  • नेपाल के शाही परिवार के बाद टिहरी राजशाही परिवार से जुड़ने के बाद अपने पति मनुजेंद्र के बाद राज्यलक्ष्मी राजनीति में आईं और तीसरी बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में टिहरी गढ़वाल से चुनाव लड़ने जा रही हैं.
  • उत्तराखंड में महिला प्रमुख चेहरों में सबसे बड़ा नाम रानी राजलक्ष्मी शाह का ही माना जाता है.

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राजनीति में राज्यलक्ष्मी

  • टिहरी लोकसभा से रानी राज्यलक्ष्मी ने 13 अक्टूबर 2012 उपचुनाव के 15 लोकसभा के निर्वाचित सदस्य राज्य संसदीय बोर्ड भाजपा उत्तराखंड में कार्य किया.
  • मई 2014 से 16वीं लोकसभा के लिए पुनः निर्वाचित दूसरा कार्यकाल में सदस्य बनीं.
  • पिछले लोकसभा चुनाव में माला राज्यलक्ष्मी शाह ने टिहरी लोकसभा सीट से जीत हासिल करते हुए कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा को 1 लाख 92 हजार 503 वोटों से हराया था.
  • वर्ष 2014 चुनाव में माला राज्यलक्ष्मी शाह को 4 लाख 46 हजार 733 वोट मिले थे जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस के साकेत बहुगुणा को 2 लाख 54 हज़ार 230 वोट मिले थे.
  • बीजेपी टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह महिलाओं को शक्तियां प्रदान करने संबंधी समिति सदस्य सहित रक्षा संबंधी स्थाई सदस्य समिति में कार्य किया है. इसके साथ ही वह परामर्शदाता समिति पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय के सदस्य होने के अलावा अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान ऋषिकेश शाही निकाय में कार्यरत रही है.

सांसद के तौर पर काम

  • सांसद के तौर पर उनके कामकाज पर गौर करें तो राज्यलक्ष्मी शाह ने मौजूदा लोकसभा में 33 बैठकों में भाग लिया, जिसमें उन्होंने लगभग 33 सवाल पूछे.
  • राजलक्ष्मी ने सदन में एक निजी बिल भी पेश किया था.
  • 16वीं लोकसभा के दौरान इनकी उपस्थिति 89% रही यानी यह 316 बैठकों में से 280 दिन सदन में मौजूद रहीं.
  • सांसद निधि खर्च करने में माला राजलक्ष्मी काफी फिसड्डी साबित रहीं.
  • 5 साल में सांसद निधि के 25 करोड़ फंड में से लगभग 8 करोड़ के आस पास ही विकास कार्यों में खर्च किया गया.

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