टिहरी:उत्तराखंड में टिहरी जिले में किस तरह के फ्लोटिंग हट्स की गंदगी सीधे गंगा में डाली जा रही है, इसको लेकर एक वीडियो सामने आया है. इसका असर ये हुआ है कि शुक्रवार को उप जिलाधिकारी ने खबर का संज्ञान लेते हुए इन फ्लोटिंग हट्स का निरीक्षण किया. इस दौरान वहां कई तरह की अनियमितताएं मिलीं. जिसके बाद उप जिलाधिकारी ने होटल के किचन को तीन दिन के लिए सील कर दिया है.
दरअसल, टिहरी झील पर बने फ्लोटिंग हट्स को पर्यटन विभाग ने एक निजी होटल को 30 साल की लीज पर दिया है. समस्या ये है कि होटल द्वारा संचालित फ्लोटिंग हट्स की गंदगी जिसमें मल-मूत्र भी शामिल है, वो सीधे टिहरी झील में डाली जा रही है. इससे न सिर्फ टिहरी झील में गंदगी फैल रही है बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था से भी खिलवाड़ किया जा रहा है. क्योंकि इसी जल का गंगा के रूप में लोग देवप्रयाग, हरिद्वार और देहरादून जैसे धार्मिक स्थलों पर आचमन करते हैं.
टिहरी SDM को फ्लोटिंग हट्स में मिली कई गड़बड़ियां. पढ़ें- स्वच्छ भारत मिशन पर लग रहा ग्रहण, टिहरी झील में डाली जा रही गंदगी सामाजिक कार्यकर्ता मनोज धनाई द्वारा बनाए गये एक वीडियो के सामने आने के बाद विरोध तेज हो गया है. यही कारण है कि शुक्रवार को उप जिलाधिकारी ने होटल और फ्लोटिंग हट्स का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उप जिलाधिकारी को वहां कई खामियां मिलीं. किचन में भी गंदगी फैली हुई थी. जिसके बाद जांच कमेटी ने तीन दिन के लिए होटल का किचन बंद कर दिया है.
वहीं, इस दौरान कुछ कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि होटल उन्हें समय पर सैलरी भी नहीं दे रहा है. उनका पीएफ भी नहीं काटा जाता. इस पर एसडीएम ने बताया कि लेबर डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने कर्मचारियों की समस्या सुनी है, डिटेल ली गई है, उनकी सैलरी भी देखी जा रही है. जो भी काम नियम विरुद्ध हो रहा है उसपर भी नोटिस आएगा और लीगल एक्शन अमल में लाया जाएगा.
बता दें कि उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने टिहरी झील पर बने फ्लोटिंग हट्स को करीब 60 करोड़ की लागत से तैयार किया था. इसे विभाग ने एक निजी होटल को एक करोड़ प्रति साल के हिसाब से 30 लाख रुपए की लीज पर दिया है.