टिहरी: भारत के सबसे ऊंचे और विश्व के 8वें सबसे ऊंचे टिहरी डैम की झील (Tehri Dam Lake) में खुलेआम मल-मूत्र और गंदगी बहाई जा रही है. जिससे यहां के स्थानीय लोगों में आक्रोश (resentment among local people) है. लोग लगातार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील धनेश ईशधन (Supreme Court lawyer Dhanesh Ishadhan) ने पीएम और सीएम धामी से हस्तक्षेप करने की मांग की है.
टिहरी बांध की झील में सीवरेज (Sewerage in Tehri Dam lake) और अन्य गंदगी गिराने वाली पीपीपी संचालक कंपनी पर प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश बना हुआ है. सर्वाेच्च न्यायालय के अधिवक्ता धनेश ईशधन ने इस मामले मे आवाज उठाई है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को गंगा को प्रदूषित और नमामि गंगे परियोजना की धज्जियां उड़ाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही. साथ ही उन्होंने जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त धाराओं में केस दर्ज करने की अपील भी की.
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बता दें 6 अक्टूबर को उत्तरायणी भागीरथी समिति के अध्यक्ष कुलदीप पंवार, लखवीर चौहान, दिनेश पंवार ने डीएम को ज्ञापन भेजकर अवगत कराया कि पीपीपी मोड पर फ्लोटिंग हट्स, मरीना, बार्ज बोट का संचालन करने वाली एक कंपनी सीवर और अन्य गंदगी झील में प्रवाहित कर रही है. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर इस कंपनी के एक कर्मचारी ने वायरल किया था. इसके बाद डीएम ने एसडीएम टिहरी अपूर्वा सिंह के नेतृत्व में जांच टीम गठित की थी. टीम ने स्थलीय निरीक्षण कर किचन लॉक कर दिया था. हालांकि वर्तमान में किचन और हट्स का फिर से संचालन शुरू हो गया है. जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है.