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सीता देवी का लोगों ने उड़ाया था मजाक, आज बनी 'कीवी क्वीन', दूसरों के लिए पेश की नजीर

Kiwi Queen Sita Devi 'आज मैं मजाक हूं, कल मिसाल बनूंगी' यह लाइन सीता देवी पर सटीक बैठती है. जिसने समाज में न जाने कितने ताने सुने. कितनों का मजाक सहा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और खेतों में पसीना बहाया. खेतों में पौधों की अपने बच्चों की तरह देखभाल की. आज यही पौधे फल देने लगे तो सीता देवी को ताने देने वालों के जुबान बंद हो गई. यह संघर्ष भरी कहानी 'कीवी क्वीन' सीता देवी की है. जो कीवी की खेती कर मिसाल बन गई हैं. Kiwi Farming Tehri

Kiwi Fruit Farming in Tehri
कीवी क्वीन सीता देवी

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 24, 2023, 2:15 PM IST

Updated : Sep 24, 2023, 4:36 PM IST

सीता देवी बनी नजीर

टिहरीःएक वक्त था, जब कीवी की खेती शुरू करने पर लोगों ने सीता देवा का उनका मजाक उड़ाया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने फैसले पर अडिग रहकर खेतों में खूब पसीना बहाया. आज सीता की मेहनत रंग लाई और कीवी क्वीन बन गई. जी हां, टिहरी के दुवाकोटी गांव की सीता देवी ने कीवी की खेती को स्वरोजगार का जरिया बना है. उनकी खेतों में कीवी के पौधे फलों से लकदक हैं. जो उनकी मेहनत की गवाही दे रहे हैं.

सीता देवी के खेतों में कीवी

खेती छोड़ना बना था मजबूरीःबता दें कि टिहरी जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूरी स्थित दुवाकोटी गांव की सीता देवी कुछ समय पहले तक जंगली जानवरों की परेशान थीं. उनकी फसलों को जंगली जानवर चौपट कर देते थे. ऐसे में सीता देवी ने कई बार खेती छोड़ने का मन बनाया, लेकिन परिवार के आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी कि खेती करना छोड़ दें.
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साल 2018 में सीता देवी को उद्यान विभाग की कीवी को प्रोत्साहन देने की योजना की जानकारी मिली. उन्होंने कीवी की खेती में हाथ आजमाने का फैसला लिया. इसके लिए उन्होंने विभाग से संपर्क साधा. जिसके बाद कीवी फल के उत्पादन का प्रशिक्षण लेने के लिए उन्हें हिमाचल प्रदेश भेजा गया. जहां उन्होंने कीवी की खेती के बारे में बारीकियां सीखी.

कीवी के फल

लोगों ने उड़ाया सीता देवी का मजाक, ताने भी दिएःकीवी की खेती करने के उनके इस सपने को लेकर लोगों ने सीता देवी का काफी मजाक उड़ाया. सीता देवी बताती हैं कि गांव वाले उन्हें ताने देने लगे. किसी ने उनका साथ तक नहीं दिया, लेकिन लोगों के तानों ने उनके अंदर हिम्मत भर दी. यही वजह कि उन्होंने कीवी फल के पौधों को अपने बच्चों की तरह देखभाल की.
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सीता देवी के खेतों में कीवी लहलहाएःसीता देवी के पति राजेंद्र सिंह और दोनों बच्चों विकास एवं राहुल ने भी उनके इस काम में पूरी मदद की. जिसकी बदौलत एक साल के भीतर कीवी का बगीचा तैयार हो गया. बता दें कि उद्यान विभाग ने साल 2018 में जिले के 45 काश्तकारों को कीवी के पौधे वितरित किए थे. जिनमें से सीता देवी ने सबसे बढ़िया परिणाम दिया. उनके सभी पौधे जीवित बचे और फल देने लगे.

अपने खेतों में सीता देवी

डेंगू में लाभदायक कीवी फलःवहीं, अब टिहरी जिले की 'कीवी क्वीन' सीता देवी को फल की काफी डिमांड मिल रही है. इनदिनों डेंगू का प्रकोप उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है तो कीवी की डिमांड काफी बढ़ गई है. डेंगू के इलाज में कीवी को काफी लाभदायक माना जाता है. लिहाजा, कीवी के कीमत में बढ़ोतरी हो गई. ऐसे में सीता देवी को लगातार कीवी की डिमांड मिल रही है.
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Last Updated : Sep 24, 2023, 4:36 PM IST

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