टिहरी: देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले कारगिल शहीद दिनेश दत्त बहुगुणा का गांव खेमड़ा 22 साल बाद (Shaheed Bahuguna village Khemda) भी मोटर मार्ग से नहीं जुड़ पाया है. सड़क न होने के कारण शहीद के परिजन और ग्रामीण कई किमी पैदल चलने को मजबूर हैं. सरकार ने शहीद के गांव के लिए लगभग डेढ़ साल पूर्व सड़क स्वीकृत कराकर निर्माण कार्य का शुभारंभ किया था लेकिन प्रतिकर के लिए भूमि के सर्किल रेट विवाद कारण कुछ ग्रामीणों ने कार्य बंद करा दिया. जिससे निर्माण कार्य एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सका.
जिला मुख्यालय के निकटवर्ती सारज्यूला पट्टी के खेमड़ा गांव निवासी दिनेश दत्त बहुगुणा 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे. इस दौरान सरकार ने शहीद के गांव को सड़क से जोड़ने की घोषणा की थी लेकिन कई साल बीतने पर भी सड़क की स्वीकृत नहीं मिली. साल 2020 में प्रदेश सरकार से शहीद के गांव के लिए भागीरथीपुरम से खेमड़ा-कुंडली साढ़े 3 किमी सड़क स्वीकृत कर 3.46 लाख रूपये जारी किए. निर्माण एजेंसी लोनिवि प्रांतीय खंड ने अक्तूबर 2020 में निर्माण कार्य शुरू कराया लेकिन सड़क निर्माण पर बुडोगी, पांगरखाल और पिपली के कई ग्रामीणों की भूमि आ रही है. उन्होंने सर्किट रेट कम बताते हुए काम रूकवा दिया.