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राजस्व निरीक्षक और उप निरीक्षकों का दो दिवसीय कार्य बहिष्कार, प्रदेशभर में ऐसा रहा प्रदर्शन

प्रदेश में राजस्व उप निरीक्षक और उप निरीक्षक कार्य बहिष्कार पर रहे. राजस्व निरीक्षक, प्रभारी तहसीलदार एवं प्रभारी नायब तहसीलदार के रिक्त पदों पर गैर भूलेख संवर्गीय अधिकारियों को तैनाती का विरोध कर रहे हैं.

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Published : Mar 22, 2021, 8:37 PM IST

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कार्य बहिष्कार

रामनगर/काशीपुर/लक्सर/टिहरी/खटीमा/बेरीनाग/बाजपुर/रुद्रप्रयागः उत्तराखंड में राजस्व निरीक्षक और उप निरीक्षक दो दिवसीय कार्य बहिष्कार पर बैठ गए हैं. सोमवार को पहले दिन प्रदेशभर में राजस्व निरीक्षक और उप निरीक्षकों ने धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान भूलेख संबंधी कार्य प्रभावित रहा. सभी राजस्व निरीक्षक, प्रभारी तहसीलदार एवं प्रभारी नायब तहसीलदार के रिक्त पदों पर गैर भूलेख संवर्गीय अधिकारियों को तैनात किए जाने के विरोध में कार्य बहिष्कार पर हैं.

दरअसल, तहसीलों में कार्यरत प्रशासनिक और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को तहसीलदार व नायब तहसीलदारों की अनुपस्थिति में तहसील कार्यालयों से संबंधित कार्यों को संपादित करने के आदेश देने से राजस्व उप निरीक्षकों में आक्रोश है. राजस्व परिषद की ओर से जारी आदेश को निरस्त करने की मांग को लेकर राजस्व उप निरीक्षकों ने दो दिवसीय कार्य बहिष्कार पर हैं.

कार्य बहिष्कार पर डटे राजस्व निरीक्षक.

रामनगर में उत्तराखंड लेखपाल संघ से जुड़े निरीक्षकों ने किया धरना-प्रदर्शन
उत्तराखंड लेखपाल संघ ने रामनगर तहसील परिसर में तहसीलों में कार्यरत प्रशासनिक अधिकारियों को तहसीलदार एवं नायाब तहसीलदार का कार्य दिए जाने के विरोध में दो दिवसीय धरना प्रदर्शन शुरू किया. लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष ताराचंद घिल्डियाल ने बताया कि राजस्व परिषद की ओर से 9 फरवरी 2021 को एक आदेश जारी हुआ, इस आदेश में यह कहा गया है कि जिन तहसीलों में तहसीलदार व नायब तहसीलदार के पद रिक्त हैं, वहां पर जो लिपिकीय संवर्ग के कर्मचारी होते हैं, उन्हें तहसीलदार व नायब तहसीलदार का काम दिया जा रहा है. जो ठीक नहीं है.

बेरीनाग में कार्य बहिष्कार पर राजस्व निरीक्षक.

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काशीपुर तहसील परिसर में जोरदार नारेबाजी
उत्तराखंड भूलेख कर्मचारी महासंघ ने तहसील के प्रशासनिक अधिकारियों को कार्यवाहक तहसीलदार और नायब तहसीलदार बनाए जाने के विरोध में आज काशीपुर तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया. साथ ही जोरदार नारेबाजी करते हुए कार्य बहिष्कार किया. उन्होंने कहा कि भूलेख संवर्गीय महासंघ के घटक इस प्रोन्नति का विरोध करता रहेगा.

कार्य बहिष्कार पर बैठे राजस्व निरीक्षक.

लक्सर में धरने पर बैठे लेखपाल संघ के कर्मचारी
लक्सर तहसील परिसर में आज से भूलेख संवर्गीय कर्मचारी महासंघ व लेखपाल संघ के कर्मचारी दो दिवसीय कार्य बहिष्कार पर बैठ गए हैं. लेखपाल व भूलेख सवर्गीय अधिकारियों के धरने पर बैठ जाने से क्षेत्र की जनता को परेशानी हो रही है. उन्हें तहसील संबंधी कामकाज कराने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

टिहरी में भूलेख संवर्गीय कर्मचारियों ने DM को सौंपा ज्ञापन
नई टिहरी में तहसीलदार और नायब तहसीलदार का काम प्रशासिनक अधिकारियों को सौंपे जाने से खफा पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, राजस्व उपनिरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ ने दो दिवसीय धरना शुरू किया है. इतना ही नहीं मामले को लेकर कर्मचारियों ने डीएम को एक पत्र भी सौंपा. जिसमें उन्होंने साफतौर पर लिखा है कि जल्द ही आदेश वापस नहीं हुआ तो एक अप्रैल से कमलबंद हड़ताल शुरू की जाएगी.

DM को ज्ञापन सौंपते भूलेख संवर्गीय कर्मचारी.

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खटीमा में कामकाज रहा ठप
खटीमा में भी कार्यबहिष्कार का असर देखने को मिला. जिससे कई कामकाज ठप रहे. भूलेख संवर्गीय कर्मचारी महासंघ ने बैक डोर से मिनिट्रीयल कर्मचारियों को प्रमोशन दिए जाने का जोरदार विरोध किया. उन्होंने मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की.

राजस्व निरीक्षकों ने तानी मुठ्ठी.

बेरीनाग में राजस्व निरीक्षक और उप निरीक्षकों ने किया प्रदर्शन
बेरीनाग तहसील के राजस्व निरीक्षक और उप निरीक्षकों ने दो दिवसीय कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है. तहसील के सभी राजस्व उप निरीक्षकों ने तहसील परिसर में धरना दिया और प्रदर्शन किया और कहा कि दो दिनों के कार्य बहिष्कार के बाद भी यदि पूर्व में जारी आदेश को निरस्त नहीं किया जाता है तो 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी.

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बाजपुर में लेखपालों ने किया कार्य बहिष्कार
बाजपुर तहसील में भू-लेख कर्मचारियों ने 2 दिवसीय कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए. लेखपालों का कहना है कि शासन से प्राप्त आदेश के अनुसार जिस जगह तहसीलदार और नयाब तहसीलदार की नियुक्ति नहीं हैं. वहां पर प्रशासनिक अधिकारी एवं वरिष्ठ अधिकारियों को तहसीलदार एवं नायाब तहसीलदार दायित्वों का निर्वाहन करना होगा. जिसके विरोध में कार्य बहिष्कार किया जा रहा है.

रुद्रप्रयाग में प्रशासनिक अधिकारियों को कार्यभार सौंपे जाने से आक्रोश
कर्मचारी महासंघ के हड़ताल पर जाने से राजस्व विभाग के कामकाज प्रभावित होने के साथ ही जनता को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जयकृत सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय पटवारी महासंघ की ओर से इसका पहले ही विरोध किया गया था, लेकिन आज तक आदेश वापस न लिये के कारण मजबूरन अब कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य होना पड़ा है.

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