टिहरी: टीएचडीसी के कोटेश्वर बांध (Koteshwar Dam) प्रभावित पयाल गांव के लोग पुनर्वास की मांग को लेकर बेमियादी धरने पर बैठे हैं. प्रदर्शनकारियों ने प्रभावितों के पुनर्वास विभाग और टीएचडीसी पर बांध प्रभावितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि झील के कारण गांव में लगातार भूस्खलन हो रहा है. उनकी जमीन और मकानों पर दरारें पड़ रही हैं. इसके बावजूद उनका विस्थापन नहीं किया जा रहा है.
बता दें, पयाल गांव के ग्रामीण पुनर्वास की मांग को लेकर कोटेश्वर बांध के पास अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. उन्होंने साल 2016-17 की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर गांव का पुनर्वास करने, भूगर्भीय सर्वे 2022 की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने, संपार्श्विक क्षति नीति-2013 की समीक्षा करने, पुनर्वास नीति 1998 की तरह संपर्वाश्विक क्षति नीति में भी ग्रामीणों/दुकानदारों को भी मुआवजा देने की मांग की है. साथ ही कहा कि लंबे समय से इन समस्याओं का निराकरण करने की मांग की जा रही है, लेकिन पुनर्वास विभाग और टीएचडीसी उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है.