उत्तराखंड

uttarakhand

उत्तराखंड में भारी बारिश से उफान पर नदियां, रात भर बेलक-बूढ़ाकेदार में फंसे रहे 22 कांवड़िये

By

Published : Jul 13, 2022, 3:48 PM IST

टिहरी में बरसात के कारण नदी-नाले उफान पर हैं. बीते रोज 22 कांवड़ यात्री बेलक-बूढ़ाकेदार पैदल यात्रा पर रात भर फंसे रहे. जिन्हें बुधवार सुबह एसडीआरएफ और राजस्व पुलिस ने रेस्क्यू किया. वहीं, बरसात को देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने भी एहतियात के तौर पर कदम उठाने शुरू कर दिये हैं.

Rivers in spate due to heavy rains in Uttarakhand
उत्तराखंड में भारी बारिश से उफान पर नदियां

विकासनगर/रामनगर/टिहरी: उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक हो रही बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. नैनीताल, रामनगर बागेश्वर और पिथौरागढ़ में देर रात हुई जोरदार बारिश के कारण पहाड़ी से मलबा सड़क पर आने लगा. विकासनगर, टिहरी में भी बारिश से मौसम की मार लोगों को झेलनी पड़ रही है. भारी बारिश के कारण गंगोत्री से जलभरकर लौट रहे उत्तर प्रदेश के 22 कांवड़ यात्री बेलक-बूढ़ाकेदार पैदल यात्रा पर रात भर फंसे रहे. बारिश के कारण ये लोग रास्ता भटक गए. जिसकी सूचना प्रशासन को दे दी गई है. बुधवार सुबह एसडीआरएफ और राजस्व पुलिस ने कांवड़ यात्रियों को रेस्क्यू कर सकुशल बाहर निकाला.

राजस्व उपनिरीक्षक बूढ़ाकेदार जीएस रावत ने बताया इन यात्रियों में तीन महिला और 19 पुरुष शामिल थे. उन्होंने बताया कांवड़ यात्री पैदल यात्रा मार्ग गंगोत्री से जल भरकर त्रिजुगीनारायण-भटवाड़ी-बेलक-बूढ़ाकेदार से बूढ़ाकेदार पहुंचते हैं. इसके बाद वह घनसाली होकर पीपलडाली, कोटी, चंबा होते हुए ऋषिकेश जाते हैं.

पढ़ें-देहरादून में बीच सड़क से गाड़ी हटाने को कहा तो दबंगों ने झोंके फायर, जान बचाकर भागा युवक

इसके साथ ही बारिश से बालगंगा-धर्मगंगा नदी फिर खतरे के निशान पर बह रही है. टिहरी जनपद के बूढ़ा केदार स्थित धर्मगंगा का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया है. नदी का पानी लोगों के घरों में घुसने लग गया है. बूढ़ा केदार से कोटी अगुंडा मोटर मार्ग का एक हिस्सा नदी के तेज बहाव की चपेट में आ गया है. विकासनगर में कालसी चकराता मोटर मार्ग पर भी जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है. जिसके चलते आवागमन में खतरा बढ़ गया है.

पढ़ें-टिहरी में पेड़ से लटका मिला महिला का शव, सिर से निकलते खून और आंख की चोट ने उठाए सवाल

विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में भी बरसात को देखते हुए एहतियाती कदम उठाये जा रहे हैं. यहां अभी ढेला, झिरना, गर्जिया जोन खुले हुए हैं. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक नीरज शर्मा ने बताया कि हमारे द्वारा सभी जिप्सी चालक, गाइडों व उससे संबंधित लोगों को सूचना दे दी गई है कि नदी, नालों के आने पर अगर किसी भी जिप्सी चालकों द्वारा यदि कोई मनमानी का जाती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया 3 जोन मॉनसून सत्र में डे टू डे खुले रहते हैं. बरसात के आधार पर ही इन्हें संचालित किया जाता है. सभी अधिकारी व कर्मचारी भी स्रोतों पर नदियों व नालों पर लगातार नजर रखते हैं. उन्होंने कहा कि बरसात या नाले आने पर इन जोनों को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाता है. उन्होंने कहा अगर ऐसी घटनाएं प्रकाश में आती हैं तो वन अधिनियम एक्ट के तहत संबंधित जिप्सी चालकों व गाइडों पर कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें-ऊखीमठ बाजार आ रही महिला के ऊपर गिरी चट्टान, मौके पर दर्दनाक मौत

बता दें ढेला व झिरना पर्यटन जोन में जाते हुए दो नाले पड़ते हैं. जिनमें एक कशेरुआ नाला व दूसरा ढेला नदी पड़ती है. जिसमें पिछले हफ्ते पर्यटकों से भरी एक कार बह गयी थी. जिसमे 9 लोगों की मौत हो गयी थी. वहीं गर्जिया जोन में जाते हुए 3 नाले पड़ते हैं. जिसमें 2 रिंगोडा से आगे व तीसरा नाला ढिकुली क्षेत्र में है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details