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गंगा-यमुना के प्रदेश में प्यासे हैं लोग, पानी के लिए कोरोना से भी नहीं डरते - Jas Institute Tehri

गंगा-यमुना के प्रदेश उत्तराखंड में लोग पानी के लिए बहुत परेशान हैं. टिहरी जिले के प्रतापनगर स्थित मोटना गांव में पानी की किल्लत के मारे लोग कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

पानी की समस्या से जूझ रहे हैं प्रतापनगर के लोग
पानी की समस्या से जूझ रहे हैं प्रतापनगर के लोग

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Published : Jun 12, 2021, 12:56 PM IST

टिहरी: कोरोना काल में प्रदेश के लोगों ने उन चीजों के लिए संघर्ष किया है जिन्हें मूलभूत सुविधा के अंतर्गत रखा जाता है. पहले लोग ऑक्सीजन के लिए तरस रहे थे. मंजर यहीं नहीं थमा. हद तो तब हो गई जब पानी के लिए लोग कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी की परवाह भी नहीं कर रहे हैं.

प्रतापनगर के मोटना गांव में लोग इन दिनों पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. आलम यह है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह किए बिना बस अपनी प्यास बुझा लेना चाहते हैं.

पानी के लिए कोहराम

उन्हें जिंदगी की मूलभूत जरूरत पानी के लिए मारामारी करनी पड़ रही है. हालात ने जल संस्थान के बड़े-बड़े दावों की पोल खोल कर रख दी है. प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा 'हर घर नल, हर घर जल' योजना चल रही है, लेकिन तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही हैं. स्थिति यह है कि लोग सुबह उठ कर पानी के लिए लाइनों में लग जाते हैं. स्रोत में पानी की मात्रा कम होने के कारण कई बार लोगों को घंटों खड़े रहने के बाद खाली लौटना पड़ता है.

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वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि पानी भरने के लिए किस तरह महिलाएं और पुरुष आमने-सामने आ गए हैं. इस वीडियो ने जल संस्थान के दावों की कलई खोल कर रख दी है. आज भी टिहरी जिले के कई गांव ऐसे हैं जहां पानी के लिए कोसों दूर जाना पड़ता है.

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