टिहरीःउत्तराखंड के टिहरी झील में नए बोटिंग प्वाइंट खोलने की मांग तेज हो गई है. इसी कड़ी में उत्तरायणी भागीरथी विकास समिति टिहरी समेत अन्य संगठनों के लोगों ने डीएम ऑफिस के बाहर धरना दिया. उनका कहना है कि बीते कई सालों से टिहरी झील में डोबरा, मदन नेगी, पीपलडाली, असेना सेंदुल, कोटेश्वर में नए बोटिंग प्वाइंट खोलने की मांग की जा रही है, लेकिन पर्यटन विभाग की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जा रहा है.
टिहरी झील में नए बोटिंग प्वाइंट खोलने की मांग तेज, डीएम ऑफिस के बाहर धरना
विश्व प्रसिद्ध टिहरी झील में नए बोटिंग प्वाइंट खोलने की मांग को लेकर उत्तरायणी भागीरथी विकास समिति टिहरी से जुड़े लोगों ने डीएम ऑफिस के बाहर धरना दिया. इस दौरान उन्होंने 'बोटिंग प्वाइंट खोलो, रोजगार दो' के नारे लगाए. उनकी मांग है कि टिहरी झील के डोबरा, मदन नेगी, पीपलडाली आदि जगहों पर बोटिंग प्वाइंट खोले जाएं, जिससे पर्यटन बढ़ने के साथ ही स्थानीय युवाओं को भी रोजगार के अवसर मिल सकें.
उत्तरायणी भागीरथी विकास समिति टिहरी से जुड़े लोगों का कहना है कि टिहरी झील करीब 42 वर्ग किलोमीटर तक फैली हुई है, जिसमें पर्यटन के साथ रोजगार के कई आयाम खुल सकते हैं. पर्यटन विभाग द्वारा स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के मकसद से यहां पर बोटिंग प्वाइंट खोलने की योजना बनी थी. इसी के तहत टिहरी झील में मात्र कोटी कॉलोनी में एक बोटिंग प्वाइंट खोला गया. जबकि, अन्य स्थानों में आज तक बोटिंग प्वाइंट नहीं खोला गया है. ऐसे में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने अब आर पार की लड़ाई का मन बनाया है. अगर जल्द से जल्द नए बोटिंग प्वाइंट नहीं खोले गए तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
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गौर हो कि साल 2004 में टिहरी झील बनकर तैयार हो चुकी थी. जबकि, साल 2016 से कोटी कॉलोनी में बोटिंग की गतिविधियां लगातार चल रही हैं. सभी सामाजिक संगठनों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाया कि वे कई सालों से बोटिंग प्वाइंट खोलने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन किसी ने भी इस मांग पर ध्यान नहीं दिया. इस कारण आज उन्हें डीएम ऑफिस के बाहर धरना देना पड़ा है. उन्होंने नए बोटिंग प्वाइंट खोलने की मांग की. उनका कहना है कि बोटिंग प्वाइंट खुलने से आस पास के हजारों युवाओं को बोटिंग, होमस्टे, कॉटेज, दुकान, कैंप आदि से रोजगार मिलेगा. इससे टिहरी जिले से पलायन रोकने में भी मदद मिलेगी.