नई टिहरी: जिला अस्पताल बौराड़ी में मरीजों और तीमारदारों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार और इलाज में लापरवाही को लेकर एक बैठक की गई. इसमें अस्पताल के प्रबंधक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारी और जिला स्तरीय प्रतिनिधि पहुंचे. बैठक में अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाने की वकालत की गई.
वैसे इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पीपीपी मोड पर संचालित हो रहे जिला अस्पताल बौराड़ी के संबंध में जनप्रतिनिधियों एवं हितधारकों के मध्य सीधा समन्वय करना था. ताकि पीपीपी मोड पर संचालित हो रहे जिला अस्पताल की कमियों को दूर किया जा सके, लेकिन बैठक महज कुछ गिने-चुने लोगों तक ही सीमित रही.
बता दें टिहरी गढ़वाल का सबसे बड़ा जिला अस्पताल बौराड़ी को निजीकरण के तहत स्वामी राम हिमालय जॉलीग्रांट को पांच साल के लिए दिया गया है. पीपीपी मोड पर अस्पताल को एक साल से अधिक का वक्त हो गया है, लेकिन यहां पर मरीजों के साथ दुर्व्यवहार और इलाज के दौरान लापरवाही देखने को मिलती है. समय-समय पर स्थानीय जनप्रतिनिधि अस्पताल के बाहर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं. लेकिन अस्पताल प्रबंधन के कान में जू तक नहीं रेंगती.
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