टिहरी में नर्सिंग छात्राओं ने किया धरना खत्म, प्र टिहरी:राजकीय नर्सिंग कॉलेज सुरसिंगधार के छात्रों की शिकायत पर आखिरकार शासन ने प्रधानाचार्य सबिस्ता अहमद नाज को हटाकर अंजू यादव को नए प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी सौंपी है. हालांकि आंदोलनकारी छात्र-छात्राएं प्रधानाचार्य पर ज्यादा शुल्क वसूलने का आरोप लगाते हुए उनकी जांच की मांग को लेकर धरना देते रहे. बाद में एसडीएम सदर लक्ष्मीराज चौहान के आश्वासन पर उन्होंने धरना खत्म कर दिया.
राजकीय नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने प्रधानाचार्य के खिलाफ किया प्रदर्शन बता दें कि 31 जुलाई की शाम को नर्सिंग कॉलेज सुरसिंगधार के सभी 170 छात्र-छात्राओं ने प्रधानाचार्य सबिस्ता पर उत्पीड़न, ज्यादा शुल्क वसूलने, एनवक्त पर दून अस्पताल में होने वाली इंटर्नशिप रद्द करने, कैंटीन में खराब खाना सहित कई अन्य शिकायतें की थी. जिस पर संज्ञान लेते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 1 अगस्त को अंजू यादव को नया प्रधानाचार्य नियुक्त करते हुए सबिस्ता अहमद नाज का स्थानांतरण चंपावत कर दिया है.
राजकीय नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने नहीं सुनी एडीएम की बात बुधवार को डीएम मयूर दीक्षित के निर्देश पर कॉलेज पहुंचे एसडीएम चौहान ने आंदोलनकारियों को समझाया. उन्हें आश्वस्त किया कि समस्याएं जल्द हल करेंगे. इसके बाद उन्होंने छात्रों के साथ लैब, लाइब्रेरी, कैंटीन का निरीक्षण किया. कॉलेज प्रबंधन से लैब में प्रयुक्त सामान, भविष्य में जरूरत के सामान की लिस्ट मांगी. इसी बीच एसडीएम ने कहा कि सभी समस्या की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.
सोमवार को राजकीय नर्सिंग कॉलेज सुरसिंगधार के छात्र-छात्राओं ने प्रधानाचार्य सबिस्ता नाज के खिलाफ मोर्चा खोलते ही हड़ताल शुरू कर दी थी. आनन-फानन में प्रधानाचार्य सबिस्ता नाज सुबह कॉलेज पहुंची, लेकिन आंदोलनकारियों ने उनकी एक न सुनी. बाद में एडीएम केके मिश्र ने कॉलेज पहुंचकर छात्र-छात्राओं से बात की. मामले में आंदोलनकारियों ने एडीएम को ज्ञापन सौंपकर समस्याएं बताई.
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छात्रों ने कहा कि प्रधानाचार्य उनका लंबे समय से उत्पीड़न कर रही हैं. कैरियर खराब करने की धमकी के चलते वह चुप हो जाते हैं. अधिकांश समय प्रधानाचार्य कॉलेज से बाहर रहती हैं. फैकल्टी न होने से पढ़ाई नहीं होती. अनावश्यक शुल्क उनसे वसूला जाता है. कैंटीन में खराब भोजन परोसा जाता है. इसके अलावा भी कॉलेज में कई अव्यवस्थाएं हैं. एडीएम मिश्र ने प्रधानाचार्य को कॉलेज प्रबंधन स्तर की समस्याएं तत्काल हल करने और छात्रों की शिकायतों की रिपोर्ट शासन को भेजने की बात कही थी.
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