बौराड़ी अस्पताल में दवाओं का टोटा, महंगी दवा खरीदने को मजबूर तीमारदार - medicines are not available in tehri boradi hospital
टिहरी के जिला अस्पताल में डॉक्टरों के साथ ही दवाओं का भी टोटा. इलाज करवाने आ रहे गरीब लोगों को बाहर से खरीदनी पड़ रही महंगी दवा.
टिहरी: जिला अस्पताल बौराड़ी अक्सर अव्यवस्थाओं को लेकर चर्चा में बना रहता है. एक बार फिर अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा है. दरअसल, मंगलवार सुबह बौराड़ी निवासी जमीर अहमद अपनी पत्नी की डिलीवरी करवाने हॉस्पिटल पहुंचे. जहां डिलीवरी के बाद नवजात को इन्फेक्शन बताया गया. लेकिन अस्पताल में दवाओं का टोटा होने की वजह से वक्त रहते उसे इलाज नहीं मिल पाया.
नवजात के पिता का कहना है कि उनकी बच्ची को संक्रमण हो गया है ये तो डॉक्टर ने बता दिया लेकिन इस दौरान दी जाने वाली न तो दवा अस्पताल में उपलब्ध थी और न ही एम्पीसिलीन इंजेक्शन. सारी दवा उन्हें बाहर से ही खरीद कर लानी पड़ी. अस्पताल में सुविधा देने का वादा करते हुए इसे पीपीपी मोड पर संचालित किया जा रहा है लेकिन यहां सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है.
बता दें कि 8 मार्च को इस अस्पताल को पीपीपी मोड़ में दे दिया गया है. लेकिन अस्पताल में अभी भी सरकारी डॉक्टर ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं. दरअसल, स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट और सरकार के बीच बीते 8 नवबंर 2018 को MOU साइन हुआ था. जिसके बाद 14 जनवरी 2019 से अस्पताल का पीपीपी मोड पर संचालन होना था. लेकिन, किन्हीं कारणों से अभी तक अस्पताल पूरी तरह से पीपीपी मोड पर नहीं आ पाया था. हालांकि अभी भी संचालन पूरी तरह से पीपीपी मोड पर नहीं किया जा रहा है. इसी वजह से अस्पताल में अभी भी डॉक्टरों और दवाओं का टोटा बना हुआ है.
दरअसल, जनवरी से पहले तक जिला अस्पताल बौराड़ी का संचालन राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधीन था. इस दौरान अस्पताल में करीब 28 डॉक्टर और 115 कर्मचारी व स्टाफ कार्यरत थे. लेकिन स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट के अधीन दिये जाने के बाद सरकार ने यहां तैनात कई डॉक्टरों को रिलीव कर दिया. इसी वजह से अब अस्पताल में डॉक्टरों का टोटा है.