टिहरी: कोरोना कर्फ्यू का कहर गत वर्ष की तरह इस साल भी जौनपुर ब्लॉक के यूथ एग्रो फार्म पापरा-थत्यूड़ के काश्तकारों पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है. आलम यह है कि अच्छी मात्रा में उत्पादित फूलों को बाजार न मिलने से कई क्विवंटल फूल बर्बाद होने की कगार पर हैं. आजीविका संवर्द्धन के लिए उगाए गए फूलों के सड़ने से काश्तकारों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
जिले के जौनपुर ब्लॉक के तहत ग्रामसभा पापरा के युवाओं ने अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर थत्यूड़ के सिर्वा पुल के पास 2013 की आपदा से बंजर पड़ी भूमि को आबाद किया था. ग्राम प्रधान रविंद्र चमोली की मदद से इस भूमि पर ग्रामीणों ने आर्गेनिक खेती की शुरुआत की थी. इससे जहां खेती आबाद हुई वहीं लोगों को रोजगार भी मिला था. वहां लोगों ने ऑर्गेनिक सब्जी, संगध पुष्प और अन्य फूलों की खेती शुरू की. इसके लिए उन्होंने मिलकर ग्रामीण यूथ एग्रो फार्म का गठन किया. खेती के साथ-साथ उन्होंने मुर्गी फार्म और अंडों का व्यवसाय भी शुरू किया था.