प्रतापनगर: इस समय पूरे देश के डॉक्टर्स अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना महामारी से लड़ने के लिए 24 घंटे मैदान में तैनात हैं. ऐसे वक्त में भी प्रतापनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लंबगांव के डॉक्टर समय पर आने को तैयार नहीं है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का खुलने का समय सुबह 8:00 बजे है, लेकिन डॉक्टर 10:30 बजे तक भी नहीं पहुंचे पा रहे हैं.
यहां के डॉक्टर को नहीं है कोई टेंशन. पहले तो डॉक्टर्स है नहीं और जो एकाद डॉक्टर व्यवस्थाएं देख रहे हैं वो भी समय पर स्वास्थ्य केंद्र नहीं पहुंच रहे हैं. जिससे मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें, लंबगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डॉक्टर अपनी गैर जिम्मेदाराना हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं. आज सुबह 10:15 तक भी डॉक्टर अपने केबिन में उपस्थित नहीं था. केवल एक डॉक्टर अंकिता जो बीडीएस हैं. वही पूरे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्थाएं देख रहीं थी बाकी के डॉक्टर्स और कुछ स्टाफ 10:15 बजने के बाद भी अस्पताल नहीं पहुंचे थे.
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वहीं, जब प्रतापनगर की स्वास्थ्य प्रभारी डॉ. रानी से इस मामले पर बात करने की कोशिश की गई तो उनकी तरफ से फोन रिसीव नहीं किया गया. ऐसे में इतनी बड़ी महामारी से कैसे पार पाएंगे. बता दें, पूरे विधानसभा क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में न तो दवाइयां है, न उपकरण और न ही डॉक्टर्स.
वहीं, कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर अली को 23 तारीख को लंबगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुछ दिनों के लिए व्यवस्था पर भेजा था. जो 31 तारीख को ही अपने मूल स्थान को चले गए. लेकिन अब तक यहां पर एक डॉक्टर की व्यवस्था तक नहीं हो पाई है.
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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लंबगांव के फार्मासिस्ट जयबीर राणा ने बताया कि अभी तक पूरे प्रतापनगर क्षेत्र में जो आइसोलेशन वार्ड बने हैं, उनमें और जो क्वॉरेंटाइन के लिए डिग्री कॉलेज लमगांव को चिन्हित किया गया है, उनमें अभी तक कोई भी कोरोना का संभावित मरीज नहीं है, जो पूरे प्रतापनगर क्षेत्र के लिए एक खुशी की बात है. जो भी लोग विदेशों या अन्य प्रदेशों से घर आए हैं उनको घरों में ही क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है.